आरटीएस आयोग ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

चंडीगढ़, 20 जून - हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक मामले में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए निर्धारित समय में सेवाएं न देने पर एसडीई पर 10 हजार रुपए का जुर्माना तथा शिकायतकर्ता हांसी निवासी कुलदीप सिंह को 5 हजार रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। यह राशि जून 2025 के वेतन से काटी जाएगी।

चंडीगढ़, 20 जून - हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक मामले में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए निर्धारित समय में सेवाएं न देने पर एसडीई पर 10 हजार रुपए का जुर्माना तथा शिकायतकर्ता हांसी निवासी कुलदीप सिंह को 5 हजार रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। यह राशि जून 2025 के वेतन से काटी जाएगी। 
आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग ने अपनी जांच में पाया कि 3 फरवरी 2025 को दिए गए जलापूर्ति बहाली के आवेदन पर सेवा की अंतिम तिथि 6 फरवरी 2025 थी, लेकिन 8 मई 2025 को आयोग के अंतरिम आदेश के बाद ही सेवा बहाल की गई।
 शिकायतकर्ता की पिछली तीन शिकायतों को गलत तरीके से बंद कर दिया गया था, जिसकी पुष्टि आयोग पहले ही कर चुका है। शिकायतकर्ता ने 12 जून 2025 को भेजे अपने ईमेल में एसडीई के रवैये को लापरवाहीपूर्ण और उदासीन बताते हुए आम नागरिकों को हो रही परेशानियों को उजागर किया था। आयोग ने एफजीआरए-कम-एक्सईएन श्री संजीव कुमार त्यागी की भूमिका को भी बहुत असंतोषजनक पाया है। 
आयोग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद उन्होंने मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और केवल अधीनस्थ कर्मचारियों की रिपोर्ट के आधार पर तीन शिकायतों को बिना सुनवाई के बंद कर दिया। इतना ही नहीं, वे बिना बताए आयोग की सुनवाई से भी अनुपस्थित रहे। आयोग ने यह भी उल्लेख किया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को 18 सितंबर 2024 को आयोग की उपस्थिति में प्रशिक्षण सत्र के माध्यम से कानूनी जिम्मेदारियों के बारे में पहले ही जागरूक किया जा चुका है, फिर भी इस तरह की लापरवाही दोहराई जा रही है। 
इसलिए आयोग ने विभाग के आयुक्त एवं सचिव को सेवा के अधिकार के तहत एक्सईएन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की है और उनसे 30 दिनों के भीतर की गई कार्रवाई से आयोग को अवगत कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को आयोग की 2025-26 की वार्षिक रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा, जिसे हरियाणा विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।