
पीईसी के बी. डेस. छात्रों ने एनआईडी कुरुक्षेत्र के डिज़ाइन ट्रेक आइडियाथॉन 2024 में मचाई धूम
चंडीगढ़, 20 नवंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी युनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के बैचलर ऑफ डिज़ाइन (बी. डेस.) के छात्रों ने डिज़ाइन ट्रेक आइडियाथॉन 2024 में शानदार प्रदर्शन कर संस्थान का नाम रोशन किया। 13 नवंबर 2024 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (एनआईडी), कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में पीईसी की चार टीमों ने हिस्सा लिया और सभी शीर्ष स्थानों पर सफलता प्राप्त करके अपनी असाधारण रचनात्मकता, इनोवेशन और समर्पण का परिचय दिया।
चंडीगढ़, 20 नवंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी युनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के बैचलर ऑफ डिज़ाइन (बी. डेस.) के छात्रों ने डिज़ाइन ट्रेक आइडियाथॉन 2024 में शानदार प्रदर्शन कर संस्थान का नाम रोशन किया। 13 नवंबर 2024 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (एनआईडी), कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में पीईसी की चार टीमों ने हिस्सा लिया और सभी शीर्ष स्थानों पर सफलता प्राप्त करके अपनी असाधारण रचनात्मकता, इनोवेशन और समर्पण का परिचय दिया।
यह उपलब्धि पेक के डिज़ाइन विभाग द्वारा लगातार मिल रहे समर्थन और मार्गदर्शन का प्रमाण है, जो छात्रों को पारंपरिक सीमाओं से परे सोचने के लिए प्रेरित करता है। प्रोफेसर आर. एस. वालिया, हेड, वर्कशॉप एंड स्किल डेवलपमेंट सेंटर (W&SDC) के नेतृत्व में, बी. डेस. छात्रों को सहयोगात्मक शिक्षण और वास्तविक जीवन की चुनौतियों का अनुभव प्रदान किया गया। इससे न केवल उनकी सीखने की प्रक्रिया को समृद्ध किया गया, बल्कि उन्हें व्यावहारिक कौशल से भी ओत-प्रोत किया गया, जो राष्ट्रीय मंचों पर उनकी सफलता का आधार बना। 2023 में शुरू हुआ पीईसी का बी. डेस. प्रोग्राम आज डिज़ाइन शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है।
1. पहला स्थान – टीम "सुकून"
प्रोफेसर आर. एस. वालिया और डॉ. शगुन शर्मा के मार्गदर्शन में टीम सुकून जिसमें सुखलीन कौर वालिया, गंधारबी चक्रवर्ती, कर्मन कौर संधू, हरकंवल सिंह इट्टन ने "हेल्थ एंड वेलनेस" थीम के तहत एक उन्नत हीटिंग बैग विकसित किया। यह बैग मासिक धर्म के दर्द, यूटीआई और मांसपेशियों की अकड़न को कम करने के लिए बनाया गया है। छात्रों ने अपने पाठ्यक्रम में सीखी गई डिज़ाइन थिंकिंग प्रक्रिया का उपयोग कर इसे तैयार किया, जिसमें शोध, उपयोगकर्ता परीक्षण और प्रतिक्रिया के आधार पर सुधार शामिल थे। यह उत्पाद महिलाओं को आराम और गरिमा प्रदान करने वाला एक सहानुभूति-प्रेरित डिज़ाइन का उदाहरण है।
2. दूसरा स्थान – टीम "किरण"
डॉ. शगुन शर्मा के मार्गदर्शन में टीम किरण जिसमें आविरल बिष्ट और मोहित तिवारी ने खाद्य संरक्षण के क्षेत्र में एक स्थायी समाधान पेश किया। उन्होंने एक सोलर-पावर्ड उपकरण विकसित किया, जो फल और सब्जियों को कम तापमान पर सुखाकर संरक्षित करता है। आवश्यकता पड़ने पर यह विद्युत ऊर्जा पर स्विच कर सकता है। यह उपकरण किफायती, पर्यावरण के अनुकूल और कॉम्पैक्ट है, जो ग्रामीण और शहरी परिवारों दोनों के लिए आदर्श है। यह प्रोजेक्ट टिकाऊ डिज़ाइन, ऊर्जा दक्षता और उपयोगकर्ता-केंद्रित नवाचार के सिद्धांतों को शामिल करता है।
3. तीसरा स्थान – टीम "देख-रेख"
डॉ. वैभव आठले के मार्गदर्शन में टीम देख-रेख जिसमें आत्म रॉय, तानिया साठवारा, आकाश आनंद और रौनक अनेजा ने नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया। यह ऐप बच्चों के भोजन के समय, पेशाब की बारंबारता और वजन जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मापदंडों को ट्रैक करता है। असामान्य मापदंडों के लिए रियल-टाइम अलर्ट के साथ, यह माता-पिता को समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह प्रोजेक्ट नवजात स्वास्थ्य देखभाल को तकनीक और करुणा के साथ जोड़ता है।
प्रोफेसर राजेंद्र मधुकर बेलोकर, हेड, प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग ने छात्रों की प्रतिभा की सराहना की और संस्थान की डिज़ाइन शिक्षा पद्धति की प्रभावशीलता को भी रेखांकित किया। उन्होंने समाज की ज्वलंत समस्याओं को रचनात्मकता और इनोवेशन से हल करने के विभागीय दृष्टिकोण पर भी जोर दिया।
प्रोफेसर राजेश कुमार भाटिया, निदेशक, पीईसी ने सभी विजेता टीमों को उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "हमारे छात्रों की ये सफलता उनकी मेहनत और हमारे संस्थान की उत्कृष्ट शिक्षा पद्धति का प्रमाण है। यह अगली पीढ़ी के डिज़ाइनर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।"
डिज़ाइन ट्रेक आइडियाथॉन 2024 में यह जीत पीईसी के डिज़ाइन छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार की नई पहचान है।
