लिटिल क्रम्बल्स बाल पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है- एस अशोक भौरा

माहिलपुर: बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बच्चों की पत्रिका निकी करुम्बल है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय लेखक और पत्रकार एस अशोक भौरा ने माहिलपुर के करुम्बल भवन में निकी करुम्बल के नवीनतम अंक का विमोचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि आजकल हर कोई व्यवसाय कर रहा है। लेकिन बच्चों का साहित्य प्रकाशित करना एक कठिन युद्ध है।

माहिलपुर: बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बच्चों की पत्रिका निकी करुम्बल है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय लेखक और पत्रकार एस अशोक भौरा ने माहिलपुर के करुम्बल भवन में निकी करुम्बल के नवीनतम अंक का विमोचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि आजकल हर कोई व्यवसाय कर रहा है। लेकिन बच्चों का साहित्य प्रकाशित करना एक कठिन युद्ध है। आज पूरे पंजाब में पिछले 28 वर्षों से लगातार प्रकाशित होने वाली एकमात्र बच्चों की पत्रिका निक्की करुंबलन है, जिसे इसके महत्व के कारण इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है। यह निक्कियन क्रुंभलान प्रकाशन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस पत्रिका ने जहां नए लेखकों के लिए मंच तैयार किया है, वहीं बड़े लेखकों को भी मंच प्रदान किया है। इस बाल पत्रिका ने बाल साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए एक संदर्भ पुस्तक का दर्जा हासिल कर लिया है। इस अवसर पर बौद्धिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कृष्णजीत राव कैंडोवाल ने कहा कि बाल साहित्य का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। बचपन में कई कविताएँ और कहानियाँ हमें सही दिशा में ले जाती हैं इसलिए हर शिक्षक और माता-पिता को अपने बच्चों को मनोरंजक और रोचक साहित्य देना चाहिए पत्रिकाएँ प्रत्येक विद्यालय और प्रत्येक पुस्तकालय की शोभा होनी चाहिए
       पूर्व शिक्षा अधिकारी बग्गा सिंह आर्टिस्ट ने कहा कि सुर संगम एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित किए जा रहे निक्कीयन क्रुंभल्स को पूरे विश्व में सम्मान मिल रहा है। पत्रिका के संपादक बलजिंदर मान और करुंबलन परिवार छात्रों और उभरते लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सुखमन सिंह और कमलजीत नीलों की पेंटिंग की भी सराहना की। करुम्बलन भवन माहिलपुर में आयोजित इस समारोह में सुखमन सिंह, चंचल सिंह बैंस, निधि अमन सहोता, हरवीर मान, हरमनप्रीत कौर, प्रि मनजीत कौर, पवन स्करुली, मनजिंदर सिंह पाठक सहित ,साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।कुलदीप कौर बैंस ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारी पूंजी ये बच्चे हैं,अगर हम साहित्यिक ढंग से इनकी शिक्षा पर ध्यान देंगे तो ये अपने बड़ों का सम्मान करेंगे