
मई दिवस सम्मेलन में बड़ी संख्या में शामिल होंगे रेहड़ी-पटरी वाले
नवांशहर- आईएफटीयू द्वारा 1 मई को विश्वकर्मा मंदिर, राहों रोड, नवांशहर में मनाए जा रहे जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस सम्मेलन में रेहड़ी-पटरी वाले यूनियन शामिल होंगे। उस दिन रेहड़ी-पटरी वाले पूरी तरह हड़ताल पर रहेंगे। यह फैसला नवांशहर में रेहड़ी-पटरी वालों की एक बड़ी बैठक में लिया गया।
नवांशहर- आईएफटीयू द्वारा 1 मई को विश्वकर्मा मंदिर, राहों रोड, नवांशहर में मनाए जा रहे जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस सम्मेलन में रेहड़ी-पटरी वाले यूनियन शामिल होंगे। उस दिन रेहड़ी-पटरी वाले पूरी तरह हड़ताल पर रहेंगे। यह फैसला नवांशहर में रेहड़ी-पटरी वालों की एक बड़ी बैठक में लिया गया।
इस बैठक में फल विक्रेता, सब्जी विक्रेता, जूस विक्रेता, कुल्चा विक्रेता व अन्य प्रकार के विक्रेताओं के 125 से अधिक मजदूरों ने हिस्सा लिया। इस बैठक को संबोधित करते हुए इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (आईएफटीयू) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच, प्रदेश प्रेस सचिव जसबीर दीप, जिला सचिव परवीन कुमार निराला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मजदूरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है।
वर्ष 1886 में अमेरिका में मजदूरों ने 8 घंटे के कार्यदिवस व अन्य मांगों को लेकर खूनी संघर्ष किया था। अमेरिका के शिकागो शहर में पुलिस ने हड़ताल व प्रदर्शन कर रहे मजदूरों पर गोलियां चलाईं व अन्य हिंसा का प्रयोग किया। सड़कों पर बहाए गए मजदूरों के खून से सफेद झंडा रंग गया।
मजदूरों के इस संघर्ष के सामने अमेरिका की पूंजीवाद समर्थक सरकार को घुटने टेक कर मजदूरों की मांगें माननी पड़ीं। जिसके बाद पूरी दुनिया में मजदूर 1 मई को 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस' के रूप में मनाने लगे। नेताओं ने कहा कि आज मजदूर वर्ग के सामने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चुनौतियां हैं। मोदी सरकार ने पहले मजदूर समर्थक श्रम कानून को निरस्त कर दिया और चार मजदूर विरोधी और पूंजीवाद समर्थक श्रम संहिताएं ले आई, जो मजदूर वर्ग पर मोदी सरकार का बड़ा हमला है।
देश में कार्यस्थलों की असुरक्षा मजदूरों के लिए रोजाना का खतरा है। इससे जान जा रही है। नियोक्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय केंद्र और राज्य की मोदी सरकार नियोक्ताओं की पीठ थपथपा रही है। ये सरकारें मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों की शांतिपूर्ण रैलियों, धरनों और प्रदर्शनों पर फासीवादी हमले कर रही हैं। सरकारें लोगों में धार्मिक भावनाएं भड़का कर और असली मुद्दों से उनका ध्यान भटका कर पूंजीपतियों की सेवा कर रही हैं।
महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से आम जनता कराह रही है। शासक वर्गीय पार्टियों की सरकारें लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को अपने पैरों तले रौंद रही हैं। प्रवासी मजदूरों के खिलाफ झूठा प्रचार करके मजदूर विरोधी माहौल बनाया जा रहा है, जिसमें सरकारी एजेंसियां बहुत ही घिनौनी चालें चल रही हैं। उन्होंने मजदूर वर्ग से सचेत रहने और अपनी ताकत को संगठित करने तथा उग्र संघर्षों में जुट जाने का आह्वान किया।
बैठक में रेहड़ी-पटरी वालों ने 1 मई को मजदूर सम्मेलन का आह्वान किया। इस अवसर पर पूर्ण भागीदारी हुई तथा हाथ उठाकर अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस अवसर पर किशोर कुमार, गोपाल, राम, राजू, सीता राम, ताहिर, कपिल, हरी राम व अन्य नेता भी मौजूद थे।
