यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्कूल प्रबंधन समिति ने उस गांव में उपलब्ध स्नातकों और शिक्षा से जुड़े लोगों की अनदेखी करते हुए राजनीतिक बहाने के तहत बाहरी लोगों को शामिल किया है- जी.टी.यू. पंजाब

मोहाली, 11 जुलाई (जसवीर गोसल) राजकीय शिक्षक संघ मोहाली के अध्यक्ष रविंदर सिंह पप्पी सिद्धू और महासचिव मनप्रीत सिंह ने प्रेस को बताया कि आम आदमी पार्टी ने अपने राजनीतिक हस्तक्षेप के तहत, 15 जुलाई से अगले दो वर्षों के लिए गठित होने वाली स्कूल प्रबंधन समितियों में क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और शिक्षाकर्मियों के बजाय अपने चहेतों की सूचियाँ जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजकर उन्हें स्कूल प्रबंधन समितियों का सदस्य बनाने का निर्णय लिया है।

मोहाली, 11 जुलाई (जसवीर गोसल) राजकीय शिक्षक संघ मोहाली के अध्यक्ष रविंदर सिंह पप्पी सिद्धू और महासचिव मनप्रीत सिंह ने प्रेस को बताया कि आम आदमी पार्टी ने अपने राजनीतिक हस्तक्षेप के तहत, 15 जुलाई से अगले दो वर्षों के लिए गठित होने वाली स्कूल प्रबंधन समितियों में क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और शिक्षाकर्मियों के बजाय अपने चहेतों की सूचियाँ जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजकर उन्हें स्कूल प्रबंधन समितियों का सदस्य बनाने का निर्णय लिया है। 
जबकि बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 21, पंजाब निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम 13 और सरकारी अधिसूचना दिनांक 26/04/2025 के अनुसार, अब अगले दो वर्षों (2025-2027) के लिए सभी सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्कूल प्रबंधन समितियों का गठन किया जाना है।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा 7 जुलाई को जारी पत्र के अनुसार प्रत्येक विद्यालय प्रबंधन समिति में विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावकों में से कम से कम 6 महिलाओं सहित 12 सदस्य होंगे, विद्यालय के प्रधानाचार्य, सदस्य सचिव और संयोजक, एक शिक्षक सदस्य, क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि या उनके द्वारा नामित एक सदस्य और एक शिक्षाकर्मी सहित कुल 16 सदस्य होंगे।
लेकिन इसमें शिक्षाकर्मी और क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि या उनके द्वारा नामित एक सदस्य का चयन करते समय आम आदमी पार्टी अपने राजनीतिक लोगों को फिट कर रही है और जिला शिक्षा अधिकारियों को सूचियां जारी कर रही है और कुछ विशिष्ट व्यक्तियों को समिति सदस्य के रूप में लेने के मौखिक संदेश प्राप्त हुए हैं। जिसके कारण जिला शिक्षा अधिकारी भी सरकारी आदेशों के दबाव में हैं। 
इन सूचियों के साथ आए मौखिक आदेशों के कारण समितियों में गांव के बाहर के लोगों और शिक्षा से जुड़े नहीं लोगों को लिया जा रहा है और गांव में उपलब्ध स्नातकों और शिक्षा से जुड़े लोगों की अनदेखी करते हुए उन्हें राजनीतिक रंग देकर गांव में स्नातक और शिक्षा से जुड़े लोगों को शामिल करने के आदेश दिए गए हैं। कई जिलों में दस या इससे अधिक स्कूलों के लिए एक शिक्षा अधिकारी दिया गया है जो उन सभी स्कूलों की प्रबंधन समितियों का सदस्य बनेगा। नेताओं ने सवाल उठाया कि ऐसा सदस्य सभी स्कूलों की समितियों के साथ कैसे न्याय कर पाएगा। 
इस समय संगठन के नेता चरणजीत सिंह, सतविंदर कौर, वीना कुमारी, सरबजीत कौर, सतिंदरपाल कौर, प्रभलीन कौर, हरप्रीत सिंह भजौली, संदीप सिंह, राकेश कुमार, राजेश जोशी, नवकिरण खटड़ा, गुरप्रीत सिंह, अमरीक सिंह, अरविंदर सिंह, गुलजीत सिंह, वेद प्रकाश, मनोज कुमार, पवन कुमार, वरिंदर कुमार, सुखजिंदर सिंह, हरप्रीत धर्मगढ़, बलजीत सिंह, दर्शन सिंह, बलजीत सिंह चुंबर, कुलविंदर सिंह, गुरवीर सिंह, शमशेर सिंह, संदीप सिंह, रवि कुमार आदि मौजूद थे।