
बेटियां
हम जानते हैं कि हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज है। आदिकाल से ही पुरुष प्रधान समाज ने सदैव महिलाओं पर अत्याचार किया है। महिलाओं को समाज में उच्च स्थान दिलाने में कई गुरुओं, विद्वानों, समाज सुधारकों और बुद्धिजीवियों ने अपनी भूमिका निभाई है। जिसके कारण आज समाज में महिलाओं की स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर और सम्मानजनक है।
हम जानते हैं कि हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज है। आदिकाल से ही पुरुष प्रधान समाज ने सदैव महिलाओं पर अत्याचार किया है। महिलाओं को समाज में उच्च स्थान दिलाने में कई गुरुओं, विद्वानों, समाज सुधारकों और बुद्धिजीवियों ने अपनी भूमिका निभाई है। जिसके कारण आज समाज में महिलाओं की स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर और सम्मानजनक है।
हमारे समाज में हर माता-पिता की हमेशा से यह इच्छा रही है कि उनके घर में एक बेटा हो। और उनका नाम रोशन करें. बेटों को अक्सर दुनिया में दया का पात्र माना जाता है। बेटों के लिए लोग बाबेयां के पास जाकर चौकियाँ भरते हैं और न जाने कितने तरह के चक्र काटते हैं। जबकि सच्चाई तो यह है कि बेटियां अपने माता-पिता के प्रति बेटों से ज्यादा कर्तव्य निभाती हैं। हम देखते हैं कि आज लड़कियों ने हर क्षेत्र में काफी प्रगति की है। उन्होंने बहुत प्रगति करके न केवल अपना बल्कि अपने माता-पिता, अपने परिवार, अपने गांव और अपने समाज का नाम ऊंचा किया है।
बेटियां जीवन भर अपने परिवार के लिए काम करती हैं। फिर उनका सोहरा परिवार हो या चाहे पेका परिवार। या अगर ये कहा जाए कि ये सिर्फ अपने परिवार के लिए जीती हैं तो शायद कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
जहां हम अपने बेटों की हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करते हैं वहीं हमें अपनी बेटी की हर इच्छा और ख्वाहिश पूरी करनी है| अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दें। आइये उनकी सफलता के लिए हर संभव प्रयास करें।
