
संपादक की क़लम से "हमारे जीवन में मोबाइल फ़ोन"।
आधुनिक युग में संचार के लोकप्रिय साधनों में मोबाइल फोन का स्थान सबसे ऊपर है। इसने हमारे दैनिक जीवन को बहुत आसान बना दिया है। दुनिया भर की तमाम तरह की सूचनाऔर जानकारी हमारी हथेली पर आ गई है। इस छोटे, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण उपकरण के बिना दैनिक जीवन असंभव लगता है।
आधुनिक युग में संचार के लोकप्रिय साधनों में मोबाइल फोन का स्थान सबसे ऊपर है। इसने हमारे दैनिक जीवन को बहुत आसान बना दिया है। दुनिया भर की तमाम तरह की सूचनाऔर जानकारी हमारी हथेली पर आ गई है। इस छोटे, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण उपकरण के बिना दैनिक जीवन असंभव लगता है। पत्र, तार, बधाई कार्ड अतीत की बातें हैं। अब हम दूर विदेशों में बैठे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से वीडियो कॉल के जरिए आमने-सामने बातचीत कर सकते हैं। इस वैज्ञानिक आविष्कार के अनगिनत फायदे हैं लेकिन भारत जैसे विकासशील देश के लिए इसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं। हमारे देश में भी मोबाइल फोन अपराधियों की चालबाज़ी साबित हो रहा है। हर प्रकार के अपराध में मोबाइल फोन की भूमिका होती है। लेकिन साथ ही यह अपराधियों तक पहुंचने का जरिया भी बन जाता है।
अगर हम सामाजिक ताने-बाने की बात करें तो इस संचार उपकरण ने हमारे रिश्तों को भी हर तरह से प्रभावित किया है। यह जहां एक-दूसरे की खुशी जानने का सबसे तेज तरीका है, वहीं इसे बसे-बसाए घर उजाड़ने के लिए भी जिम्मेदार कहा जा सकता है। आज के समय में किसी की भी पारिवारिक गोपनीयता सुरक्षित नहीं है।
बहुएं अपने परिवार की हर बात तुरंत अपनी मां के पास पहुंचा रही हैं इससे घरेलू कलह पैदा होती है और परिणाम अक्सर दुखद होते हैं। आज मोबाइल फोन टूटते परिवारों में अहम साथी साबित होता है। मोबाइल फोन से मिलने वाली अधूरी और कभी-कभी पूरी तरह से गलत जानकारी ने बच्चों और विद्यार्थियों में किताबें पढ़ने का शौक खत्म कर दिया है। इसका अत्यधिक उपयोग विभिन्न बीमारियों को जन्म दे रहा है। छोटे-छोटे बच्चे इसके आदी होते जा रहे हैं। मांएं भी अपने बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन थमाकर अपने काम में व्यस्त हो जाती हैं लेकिन ये कोई खिलौना नहीं है। छोटे बच्चों पर इसका प्रभाव अधिक हानिकारक होता है।
लोग गाड़ी चलाते समय या सड़क पार करते समय इसका इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाते। कानों में हेडफोन लगाकर रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन के नीचे आने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। आज हमें इस मुद्दे पर बहुत गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि मोबाइल फोन हमारे स्वास्थ्य और जीवन पर कितना भारी पड़ रहा है। इसका प्रयोग जरूर करें लेकिन सोच-समझकर
देविंदर कुमार
