
कुष्ठ रोग न तो वंशानुगत बीमारी है और न ही कोई दैवीय अभिशाप - डॉ. वरिंदर कुमार
नवांशहर - सिविल सर्जन डॉ.जसप्रीत कौर के दिशा-निर्देशानुसार विश्व कुष्ठ रोग विरोधी दिवस के मद्देनजर 30 जनवरी 2024 से 12 फरवरी 2024 तक चलाए जा रहे "स्पर्श जागरूकता" अभियान के तहत जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वरिंदर कुमार ने आज दोआबा कुष्ठ आश्रम, नवांशहर का दौरा किया।
नवांशहर - सिविल सर्जन डॉ.जसप्रीत कौर के दिशा-निर्देशानुसार विश्व कुष्ठ रोग विरोधी दिवस के मद्देनजर 30 जनवरी 2024 से 12 फरवरी 2024 तक चलाए जा रहे "स्पर्श जागरूकता" अभियान के तहत जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वरिंदर कुमार ने आज दोआबा कुष्ठ आश्रम, नवांशहर का दौरा किया।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य विभाग, शहीद भगत सिंह नगर ने कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों को 30 स्व-देखभाल किट और 59 जोड़े जूते वितरित किए। इस अवसर पर बोलते हुए जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. वरिंदर कुमार ने कहा कि 12 फरवरी तक मनाए जा रहे राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन पखवाड़ा के तहत आम लोगों को कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव न करने और कुष्ठ रोग से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को छूने, हाथ मिलाने, उसके साथ खेलने या काम करने से कुष्ठ रोग नहीं फैलता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का इलाज संभव है और इसका इलाज तभी संभव है, जब शुरुआती दौर में ही इसके लक्षण पहचान कर तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि समाज को कुष्ठ रोग या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ हमेशा अच्छा व्यवहार करना चाहिए ताकि प्रभावित व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होकर बीमारी पर काबू पा सके। डॉ. कुमार ने कहा कि त्वचा के रंग से अधिक पीला, एक या अधिक दाग/धब्बे जो सुन्न और सूखे हों, पसीना न आए, खुजली, जलन या चुभन न हो, कुष्ठ रोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग से प्रभावित अंग पर रोगी को किसी भी प्रकार की चोट या सर्दी का पता नहीं चलता, जिसके कारण शरीर विकलांग हो जाता है। जिला कुष्ठ रोग पदाधिकारी ने कहा कि कुष्ठ रोग न तो वंशानुगत रोग है और न ही कोई दैवीय अभिशाप, बल्कि यह रोग एक जीव जनित मामूली रोग है. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग की जांच एवं इलाज सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध है. इसके इलाज का समय 6 महीने या 12 महीने है।
