पंजाब के अनुदान प्राप्त कॉलेज शिक्षकों को पेंशन की उम्मीद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से

होशियारपुर- पंजाब के अनुदान प्राप्त कॉलेजों के सेवानिवृत्त शिक्षक, जो दशकों से अपने पेंशन अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, अब सुप्रीम कोर्ट की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में देश की सबसे बड़ी अदालत ने पंजाब के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 24 मार्च 2025 को होने वाली अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। इससे कई वर्षों से अपनी आर्थिक सुरक्षा का इंतजार कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षकों में उम्मीद जगी है।

होशियारपुर- पंजाब के अनुदान प्राप्त कॉलेजों के सेवानिवृत्त शिक्षक, जो दशकों से अपने पेंशन अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, अब सुप्रीम कोर्ट की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में देश की सबसे बड़ी अदालत ने पंजाब के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 24 मार्च 2025 को होने वाली अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। इससे कई वर्षों से अपनी आर्थिक सुरक्षा का इंतजार कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षकों में उम्मीद जगी है।
पेंशन की मांग लंबे समय से चल रही है, लेकिन हर बार सरकारों ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कई सेवानिवृत्त प्रोफेसर अपने हक पाने के इंतजार में हमेशा के लिए चले गए, लेकिन बाकी अभी भी इस लड़ाई को लड़ रहे हैं।
प्रो. आर.एम. डीएवी कॉलेज होशियारपुर से सेवानिवृत्त और हाल ही में डीएवीसीएमसी होशियारपुर के सचिव पद पर तैनात भल्ला ने दुख व्यक्त करते हुए कहाः "पेंशन के लिए हमारी लड़ाई दशकों से चल रही है। हमने अनगिनत अपील की हैं, कई बार सरकार से बातचीत की है, लेकिन अभी तक कोई बड़ा फैसला नहीं आया है। अब सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप ही हमारी आखिरी उम्मीद है।" डीएवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन होशियारपुर से सेवानिवृत्त और अब डीएवीसीएमसी होशियारपुर के संयुक्त सचिव पद पर तैनात प्रो. शरणजीत सैनी ने कहाः "जिन शिक्षकों ने अपना पूरा जीवन विद्यार्थियों को शिक्षित करने में लगा दिया, वे आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। सरकार को हमारे योगदान को स्वीकार करना चाहिए और हमें पेंशन देनी चाहिए, जो हमारा अधिकार है।" डीएवी कॉलेज होशियारपुर से सेवानिवृत्त और अब डीएवीसीएमसी होशियारपुर के सदस्य प्रो. सी.वी. अरोड़ा ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त कीः "यह बहुत दुख की बात है कि सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है, जो सही दिशा में एक बड़ा कदम है।"
होशियारपुर के एसएस गिधा डीएवी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. गुरविंदर कौर ने भी अपनी चिंता व्यक्त कीः “हमारे कई साथी अपने अधिकारों के इंतजार में ही दुनिया से चले गए। सरकार ने हमें बार-बार निराश किया है। अब हमें न्याय के लिए केवल अदालतों पर ही भरोसा है।”
डीएवी कॉलेज होशियारपुर के सेवानिवृत्त प्रोफेसर जगदीश शर्मा ने भी पेंशन के महत्व पर जोर देते हुए कहाः “हमने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा छात्रों का भविष्य बनाने में लगाया है। अब बुढ़ापे में हमें आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमें न्याय देगा।”
पंजाब के अनुदान प्राप्त कॉलेज शिक्षक लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों के बराबर पेंशन की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने भी वर्षों तक छात्रों को तैयार करने में अपनी भूमिका निभाई है। कई अपीलों के बावजूद, पंजाब सरकार ने अभी तक उनके लिए कोई ठोस पेंशन नीति लागू नहीं की है।
अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार से जवाब मांगा है, तो सारी उम्मीदें 24 मार्च, 2025 को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं। सेवानिवृत्त शिक्षकों और उनके संस्थानों को उम्मीद है कि अदालत उन्हें वह न्याय देगी जिसका वे दशकों से इंतजार कर रहे हैं।
इस मामले में अदालत का फैसला देश भर के शिक्षकों के लिए एक बड़ी मिसाल कायम कर सकता है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन लोगों ने अपना जीवन शिक्षण में बिताया है, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।