स्वदेश लौटे पाकिस्तानियों ने 'पहलगाम आतंकवादी हमले' की निंदा की, लेकिन सरकार से अपील की: 'आतंकवादियों को मार डालो, लेकिन आम लोगों को छोड़ दो'।

चंडीगढ़, 26 अप्रैल - ‘पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, लेकिन आम लोगों को इसके दुष्परिणामों से बचाया जाए।’ अटारी-वाघा सड़क मार्ग पर पाकिस्तानी पर्यटकों के बीच यह आम विरोध प्रदर्शन था, जो कम समय सीमा से पहले भारत से बाहर निकलने की जल्दी में थे।

चंडीगढ़, 26 अप्रैल - ‘पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, लेकिन आम लोगों को इसके दुष्परिणामों से बचाया जाए।’ अटारी-वाघा सड़क मार्ग पर पाकिस्तानी पर्यटकों के बीच यह आम विरोध प्रदर्शन था, जो कम समय सीमा से पहले भारत से बाहर निकलने की जल्दी में थे।
भारत ने घोषणा की है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीज़ा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे तथा पाकिस्तान में रह रहे भारतीयों को यथाशीघ्र स्वदेश लौटने की सलाह दी है, क्योंकि पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गये, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे।
पाकिस्तानी नागरिकों को जारी मेडिकल वीज़ा 29 अप्रैल तक वैध
अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकों ने कहा कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आये थे। कुछ लोग यहां शादी समारोह में शामिल होने आए थे, लेकिन अब उन्हें बिना शामिल हुए ही घर लौटना पड़ रहा है।
कराची निवासी परेशान दिख रहे भास्करी ने कहा, "आज मेरी भतीजी की शादी थी। मैं 10 साल बाद आई हूं, लेकिन फिर भी समारोह में शामिल नहीं हो सकी।" वह अपने पति के साथ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर आईं।
उनके पति मोहम्मद राशिद ने बताया कि वह 10 अप्रैल को 45 दिन के वीजा पर भारत आए थे। "मेरी पत्नी भारत में पैदा हुई थी और मेरे ससुराल वाले यहीं रहते हैं। शादी आज सहारनपुर में होनी थी। पुलिस हमारे रिश्तेदार के घर आई और हमें तुरंत वहां से चले जाने को कहा।"
उनकी पत्नी ने कहा, "शादी के दिन जाना दुखद है। पहलगाम में जो कुछ भी हुआ, वह गलत है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन आम लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।" रशीद ने कहा, "ऐसी हरकतें करने वाले लोगों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। दोनों तरफ के आम लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं। मुट्ठी भर आतंकवादी माहौल खराब करते हैं।" पाकिस्तान के उत्तरी सिंध के घोटकी से आए बली राम ने बताया कि वह रायपुर में अपनी तीन बेटियों से मिलने गए थे। उन्होंने कहा, "मैं 5 अप्रैल को आया था लेकिन अब मुझे वापस भागना पड़ रहा है। जिन लोगों ने ऐसा किया उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए लेकिन निर्दोष पर्यटकों का क्या दोष है?"
कराची से दौलत शादी के लिए 45 दिन के वीजा पर जोधपुर आए थे। उन्होंने कुछ ट्रॉली सूटकेसों को निकास द्वार की ओर खींचते हुए कहा, "(पहलगाम में) जो कुछ भी हुआ वह अच्छा नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए था।" रावलपिंडी के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने लखनऊ आए थे, लेकिन अब उन्हें अपनी यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ रही है। केंद्र द्वारा निर्धारित समय सीमा के बाद भारत आए 229 पाकिस्तानी नागरिक अब तक अटारी-वाघा मार्ग से स्वदेश लौट चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी देश की यात्रा करने वाले कुल 392 भारतीय नागरिक भी वापस आ गए हैं।