सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत खुलासा हुआ है कि नगर निगम होशियारपुर के अंतर्गत बूचड़खाने में लगभग 4 वर्षों में 15214 बकरियों और 769 भेड़ों का वध किया गया।

गढ़शंकर, 16 नवंबर - मांसाहारी भोजन के प्रति लापरवाही पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और सरकार की उदासीनता इससे भी बदतर है। और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है और जिसमें सबसे अधिक प्रभावित बच्चे हैं।

गढ़शंकर, 16 नवंबर - मांसाहारी भोजन के प्रति लापरवाही पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और सरकार की उदासीनता इससे भी बदतर है। और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है और जिसमें सबसे अधिक प्रभावित बच्चे हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत लेबर पार्टी के अध्यक्ष जय गोपाल धीमान ने नगर निगम के अंतर्गत बलवीर कॉलोनी, भंगी चौ के पास 31 मार्च 2019 से 11 अक्टूबर 2023 तक घर में 15214 बकरियां और 769 मेढ़े काटे गए। और जिसका मांस मसहारा के शौकीनों द्वारा खाया जाता था। नगर निगम के अंतर्गत मांस विक्रेताओं की कुल 13 दुकानें हैं। उन्होंने कहा कि शहर के रहीमपुर में मछली बाजार है लेकिन मछली के कचरे का उपचार नहीं किया जाता है। होशियारपुर नगर निगम और वहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। धीमान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शहर लोगों की खाद्य सुरक्षा के बारे में झूठा शोर मचा रहा है। निगम के पास मछली बेचने के नियमों की कोई प्रति नहीं है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अंतर्गत आवारा मृत पशुओं को डंपिंग ग्राउंड पिप्पलावाला में डाला जाता है और इस संबंध में भी नगर निगम के पास नियमों की कोई प्रति नहीं है। धीमान ने कहा कि नगर निगम अपने आप में एक मिनी सरकार के रूप में काम करता है। सभी प्रतिनिधि जनता द्वारा चुने गए लोगों को भत्ते मिलते हैं, जनता से टैक्स वसूला जाता है और पंजाब नगर निगम अधिनियम 1976 के तहत उनका कर्तव्य है कि वह अपने लोगों को अच्छी सुरक्षित सुविधाएं प्रदान करें। उन्होंने कहा कि जब कैबिनेट मंत्री होशियारपुर में थे नगर निगम बिना बकाया के घूम रहा था।
धीमान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शहर में सभी राजनीतिक दलों के महान नेता हैं और वे नगर निगम में महत्वपूर्ण पदों पर हैं। लेकिन इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि नगर निगम होशियारपुर में मछली बेचने के लिए कोई नियम नहीं हैं। जबकि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2004 के तहत हर खाद्य पदार्थ की बिक्री के लिए नियम हैं। पंजाब सरकार बात तो शहीद भगत सिंह और डॉ. अंबेडकर की करती है, लेकिन बिना नियमों के काम कर रही है। जब महान क्रांतिकारी देशभक्तों के क्रांतिकारी सिद्धांत हमेशा रहेंगे। यह और भी दुखद है कि मांस के कचरे और उन जानवरों, पक्षियों के खून और अपशिष्ट को संभालने की कोई व्यवस्था नहीं है और सब कुछ भगवान की मदद से चल रहा है। धीमान ने कहा कि नगर निगम के भीतर अवैध परिधि, जो चाहे बिना किसी अनुमति के सड़क किनारे मछली और मांस का काम शुरू कर देता है। लेकिन इन जानवरों और पक्षियों का कचरा सड़कों के आसपास पड़ा रहता है, जो पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। यही कारण है कि द्वाला सड़क क्षेत्र पूरी तरह से मच्छरों और मक्खियों से भरा हुआ है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी सवाल उठ रहे हैं। धीमान ने कहा कि नगर निगम लोगों को अच्छी सेवाएं देने के बजाय जनता के धन और अपने मूल उद्देश्य का दुरुपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर नगर निगम इसी तरह मांसाहारी भोजन की बर्बादी जारी रखेगा तो यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ माना जाएगा। नियमों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं