
जगदीश भोला ने अपने बयान में लिया था बिक्रम मजीठिया का नाम - निरंजन सिंह
एस.ए.एस. नगर, 28 जून: पंजाब में आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने आज विजिलेंस ब्यूरो के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।
एस.ए.एस. नगर, 28 जून: पंजाब में आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चल रही जांच के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने आज विजिलेंस ब्यूरो के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।
यह उल्लेखनीय है कि निरंजन सिंह ने 2014 में ई.डी. के डिप्टी डायरेक्टर के रूप में मजीठिया के खिलाफ ई.डी. की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। श्री निरंजन सिंह ने पहले ही बताया था कि बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम पुलिस एफ.आई.आर. में नहीं था, लेकिन आरोपियों से पूछताछ के दौरान उनका नाम सामने आया था।
निरंजन सिंह ने कहा कि यह जांच 2021 में उनकी सेवानिवृत्ति तक चल रही थी, और इसकी स्थिति रिपोर्ट भी अदालत में दायर की जा चुकी है, इसलिए वह इस समय अधिक जानकारी साझा नहीं कर सकते।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने 6,000 करोड़ रुपये के भोला ड्रग मामले की जांच की थी, जिसमें 17 लोगों को दोषी ठहराया गया था। उस समय बिक्रम मजीठिया का नाम सीधे तौर पर सामने नहीं आया था। लेकिन जब भोला और बिंदु औलख के बयान लिए गए, तब उनमें बिक्रम मजीठिया का उल्लेख किया गया था।
श्री निरंजन सिंह ने कहा कि वह ड्रग मामले की जानकारी विजिलेंस को देने आए थे। उन्होंने कहा कि उनसे सहयोग मांगा गया था, जिसके लिए वह विजिलेंस को जानकारी देने आए हैं। उन्होंने अपने पास मौजूद रिकॉर्डिंग भी उन्हें सौंप दीं। उन्होंने कहा कि उस समय उन्होंने जो जांच की थी, उसका नेतृत्व अब विजिलेंस ने संभाल लिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला पुराने मामले से जुड़ा हुआ है, और इसके जो भी तथ्य थे, उन्हें आज बताया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आज की जांच ड्रग मामले में नहीं, बल्कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में है। लेकिन आधार वही है। इसलिए उन्हें बयान देने के लिए बुलाया गया था। उन्होंने विजिलेंस को वही बताया जो अन्य आरोपियों और भोला ने उन्हें बताया था। उन्होंने वही बयान दोहराए जो उन्होंने ई.डी. जांच के दौरान दिए थे।
उन्होंने कहा कि उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक रिपोर्ट दायर की गई थी। इसके आधार पर हाई कोर्ट ने एस.टी.एफ. को जांच करने और कार्रवाई करने के लिए कहा था। एस.टी.एफ. ने भी अपनी टिप्पणियों के साथ अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंप दी थी। हाई कोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के लिए कहा था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले, पंजाब के पूर्व डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने भी विजिलेंस के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए थे।
