
रामलीला के तीसरे दिन सीता स्वयंबर लीला का मंचन किया गया
एसएएस नगर, 17 अक्टूबर - श्री रामलीला एवं दशहरा कमेटी की ओर से स्थानीय फेज-1 में रामलीला के तीसरे दिन धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद और सीता स्वयंबर का मंचन किया गया।
एसएएस नगर, 17 अक्टूबर - श्री रामलीला एवं दशहरा कमेटी की ओर से स्थानीय फेज-1 में रामलीला के तीसरे दिन धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद और सीता स्वयंबर का मंचन किया गया। इस अवसर पर मिथिला के राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंबर का आयोजन किया। जिसमें शर्त रखी गई कि जो शिव धनुष तोड़ेगा उसी से जानकी का विवाह होगा।
राजा जनक के निमंत्रण पर कई देशों के राजाओं के साथ गुरु विश्वामित्र के साथ राम लक्ष्मण भी आते हैं। सभी राजा एक-एक करके धनुष को तोड़ने का प्रयास करते हैं लेकिन कोई भी उसे हिला नहीं पाता। तब ऋषि विश्वामित्र राम को इशारे से धनुष तोड़ने का आदेश देते हैं और जैसे ही श्री राम धनुष उठाते हैं वह टूट जाता है।
उसी समय क्रोधित परशुराम वहां पहुंच जाते हैं। इसके बाद लक्ष्मण और परशुराम के बीच तीखी नोकझोंक होती है। इसके बाद भगवान श्री राम और सीता जी का विवाह बड़ी धूमधाम से होता है।
