चिटफंड कंपनी के जरिए पैसे दोगुना करने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को मोहाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

चिटफंड कंपनी के जरिए पैसे दोगुना करने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को मोहाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. हजारों लोगों के साथ 198 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है.

एसएएस नगर, 10 अक्टूबर- चिटफंड कंपनी के माध्यम से पैसे दोगुना करने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को मोहाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसएसपी डाॅ. संदीप कुमार गर्ग ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने में सफलता हासिल की है जो भोले-भाले लोगों को कम समय में पैसा दोगुना करने का लालच देकर पैसा कमाता था। इस संबंध में जीरकपुर थाने में आईपीसी की धारा 406, 420, 120बी और चिटफंड एक्ट 1982 की धारा 4, 5, 12, 18, 76 के तहत मामला दर्ज कर 3 व्यक्तियों शाम शर्मा निवासी मंडी गोबिंदगढ़ (वर्तमान) मिस्ट सोसायटी जीरकपुर निवासी), सुनील कुमार और अश्वनी कुमार (दोनों गांव पुथियाना, थाना नादोन, जिला हमीरपुर) निवासी धनास, चंडीगढ़ को गिरफ्तार कर लिया गया है और 5 लोगों की गिरफ्तारी बाकी है।
उन्होंने बताया कि ये आरोपी भोले-भाले लोगों को फोन पर बड़े-बड़े सपने दिखाकर उनसे पैसे ऐंठने का काम करते थे। वर्ष 2019 में, उन्होंने कॉर्वियो कैन के नाम से एक योजना शुरू की, जो भोले-भाले लोगों को कमीशन का लालच देकर और अधिक सदस्यों (चेन सिस्टम) को जोड़कर कम समय में पैसा दोगुना करने के लिए प्रोत्साहित करके धोखा देते थे।
उन्होंने बताया कि इस मामले में एसपी ग्रामीण श्री मनप्रीत सिंह और डीएसपी डेराबसी डॉ. दर्पण अहलूवालिया के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई है कि करीब 30 से 50 हजार लोगों के साथ करीब 198 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने 2021 में डीजीटी काइन और 2022 में हाइप नेक्स्ट काइन और 2023 में ए ग्लोबल स्कीम के नाम से योजना भी शुरू की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 200 नेताओं को जोड़ा गया और प्रत्येक नेता के तहत 100 से अधिक निवेशक थे. इनके द्वारा निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी में कई लाख रुपये निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था और इस पैसे को 200 प्रतिशत की दर से लौटाने का लालच देकर ठगा जाता था। इस रकम को अलग-अलग योजनाओं जैसे चांदी, सोना, हीरा, प्लैटिनम आदि में निवेश किया गया और यह एक मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम की तरह काम करती थी।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा नाम का व्यक्ति है जो इस चिटफंड कंपनी को चला रहा था और फिलहाल विदेश में है. इस शख्स की 6 संपत्तियों का पता लगाया गया है, जिनकी जांच के बाद इन्हें जब्त करने की आगे की कार्रवाई की जा रही है.