
नेताओं ने पार की सारी हदें... आम आदमी पार्टी कांग्रेस के विधायक गाली-गलौज पर उतर आए
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा हुआ। जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों ने नारेबाजी से लेकर गाली-गलौज तक का दौर चला दिया। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मनविंदर ग्यासपुरा ने जालंधर उत्तर से कांग्रेस विधायक बावा हेनरी उर्फ अवतार हेनरी जूनियर के परिवार पर नशा बेचने का आरोप लगाया। इससे बावा हेनरी भड़क गए और ग्यासपुरा के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद सदन में हंगामा मच गया।
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा हुआ। जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों ने नारेबाजी से लेकर गाली-गलौज तक का दौर चला दिया। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मनविंदर ग्यासपुरा ने जालंधर उत्तर से कांग्रेस विधायक बावा हेनरी उर्फ अवतार हेनरी जूनियर के परिवार पर नशा बेचने का आरोप लगाया। इससे बावा हेनरी भड़क गए और ग्यासपुरा के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद सदन में हंगामा मच गया।
उस समय सदन की कार्यवाही का संचालन डिप्टी स्पीकर जय किशन रोड़ी कर रहे थे। विधायक ग्यासपुरा ने डिप्टी स्पीकर से कहा कि अगर यहां किसी सवर्ण विधायक के साथ दुर्व्यवहार होता तो आप कार्रवाई करते, लेकिन मैं संविधान की ताकत से विधायक बना हूं। अगर आप मुझ जैसे दलितों के साथ न्याय नहीं कर सकते तो मैं चुप बैठूंगा। इस पर डिप्टी स्पीकर ने कहा कि दुर्व्यवहार करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विधायक को नोटिस जारी किया जाएगा।
इस बीच, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने डिप्टी स्पीकर से कहा कि आप रिकॉर्डिंग की जांच कर लीजिए, किसने पहल की, पता चल जाएगा। इसी बीच स्पीकर कुलतार संधवान भी सदन में आ गए। विपक्ष के नेता बाजवा ने उन्हें बताया कि आप के एक विधायक ने पहले कांग्रेस विधायक पर चिट बेचने का आरोप लगाया था।
हालांकि, उस समय कांग्रेस विधायक ने भी ठीक से व्यवहार नहीं किया। पूरा रिकॉर्ड चेक किया जाना चाहिए। हालांकि, बाद में प्रताप बाजवा ने पार्टी विधायक की ओर से माफी मांग ली, जिसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही, पंजाब विधानसभा में पेश धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ विधेयक पारित नहीं हो सका।
इसे अब आगे विचार के लिए विधानसभा की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया है। समिति धार्मिक संगठनों से इस पर राय लेगी। इसके लिए 6 महीने का समय दिया गया है। इस विधेयक में चारों धर्मों के ग्रंथों की बेअदबी के लिए 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
