निक्कियाँ करुम्बलन प्रकाशन द्वारा संचालित पुस्तक संस्कृति परियोजना का दायरा वैश्विक हो गया है - सुखी बाਠ

माहिलपुर- इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सूचीबद्ध एकमात्र पंजाबी बाल पत्रिका निक्कियाँ करुम्बलन का दायरा अब वैश्विक हो गया है। यह विचार पंजाब भवन सरे के संस्थापक और नया कलम नई उड़ान परियोजना के निदेशक सुखी बाਠ ने निक्कियाँ करुम्बलन प्रकाशन द्वारा पुस्तक संस्कृति के उत्कर्ष हेतु आयोजित पुस्तक वितरण समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि बाल साहित्य और संस्कृति के उत्कर्ष के लिए बलजिंदर मान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है क्योंकि परोपकारी कार्य करना हर किसी के बस की बात नहीं है।

माहिलपुर- इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सूचीबद्ध एकमात्र पंजाबी बाल पत्रिका निक्कियाँ करुम्बलन का दायरा अब वैश्विक हो गया है। यह विचार पंजाब भवन सरे के संस्थापक और नया कलम नई उड़ान परियोजना के निदेशक सुखी बाਠ ने निक्कियाँ करुम्बलन प्रकाशन द्वारा पुस्तक संस्कृति के उत्कर्ष हेतु आयोजित पुस्तक वितरण समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि बाल साहित्य और संस्कृति के उत्कर्ष के लिए बलजिंदर मान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है क्योंकि परोपकारी कार्य करना हर किसी के बस की बात नहीं है।
यह पत्रिका दुनिया भर के बच्चों को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़कर उन्हें पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के लिए तैयार कर रही है। बाल साहित्यकारों की नर्सरी तैयार करने वाले करुम्बलन परिवार ने दिन-रात मेहनत करके तीन दशकों से इसकी निरंतरता बनाए रखी है। इस अवसर पर उन्होंने दोआबा के विभिन्न जिलों से आए संस्था प्रधानों, स्कूल प्रमुखों और अध्यापकों को पुस्तकें वितरित कीं।
इस अवसर पर नया कलम नई उड़ान परियोजना के प्रभारी ओंकार सिंह तेजे, जिला भाषा अनुसंधान अधिकारी डॉ. जसवंत राय और राज्य पुरस्कार विजेता अजय कुमार खटकड़, प्रदीप सिंह मौजी और नितिन सुमन ने अपने संबोधन में अभिभावकों, अध्यापकों और स्कूल प्रमुखों से अपील की कि यह पत्रिका हर घर और स्कूल पुस्तकालय की शान बने। इस पत्रिका को पढ़ने वाले विद्यार्थी जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल करके आदर्श नागरिक बन रहे हैं।
पुस्तक वितरण समारोह में नवांशहर से जसवीर सिद्धू, होशियारपुर से मनजिंदर कुमार, शहीद भगत सिंह नगर से डॉ. केवल राम, राम तीरथ परमार, अंजू वी. रत्ती, गीतांजलि, कपूरथला से कमलेश कौर, फगवाड़ा से दलजीत कौर, जसविंदर नियाना, सतपाल, प्रिंसीपल जसवीर कौर आदि उपस्थित थे। इन व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने में सुखमन सिंह, हरवीर मान, मंजीत कौर, निधि अमन सहोता, बग्गा सिंह आर्टिस्ट, चंचल सिंह बैंस और मनजिंदर हीर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।