
सलेमपुर में “रुद्र अभिषेक महायज्ञ” कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर विशेष बैठक आयोजित।
गढ़शंकर, 13 जुलाई- आगामी दिनों में गढ़शंकर शहर व समूचे क्षेत्र में “रुद्र अभिषेक महायज्ञ” कार्यक्रमों के आयोजन की चल रही तैयारियों को लेकर आज प्राचीन शिव मंदिर सलेमपुर में आयोजकों द्वारा संदीप सोनू ठाकुर के नेतृत्व में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जुलाई माह में रुद्र अभिषेक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर विशेष चर्चा की गई। इस चर्चा में पंकज शौरी गढ़शंकर, राजिंदर प्रसाद खुरमी, कमल किशोर नूरी व इंद्रजीत गोगना विशेष रूप से पहुंचे।
गढ़शंकर, 13 जुलाई- आगामी दिनों में गढ़शंकर शहर व समूचे क्षेत्र में “रुद्र अभिषेक महायज्ञ” कार्यक्रमों के आयोजन की चल रही तैयारियों को लेकर आज प्राचीन शिव मंदिर सलेमपुर में आयोजकों द्वारा संदीप सोनू ठाकुर के नेतृत्व में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जुलाई माह में रुद्र अभिषेक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर विशेष चर्चा की गई। इस चर्चा में पंकज शौरी गढ़शंकर, राजिंदर प्रसाद खुरमी, कमल किशोर नूरी व इंद्रजीत गोगना विशेष रूप से पहुंचे।
इस अवसर पर आयोजन समिति के पंकज शौरी ने बताया कि सावन माह में गढ़शंकर क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में रुद्र अभिषेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम रूपरेखा आगामी कुछ दिनों में घोषित की जाएगी। इसी कड़ी के तहत आज सलेमपुर गांव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर चर्चा की गई, जिस पर सभी शिवभक्तों ने कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया।
इस अवसर पर संदीप सोनू ठाकुर ने कहा कि रुद्राभिषेक केवल पूजा पद्धति नहीं, बल्कि भगवान शिव से जुड़ने की एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। अभिषेक में शिवलिंग को जल, दूध, शहद, घी, गंगाजल से पंच अमृत बनाकर स्नान कराया जाता है।
शिव पुराण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सावन माह में विशेष रूप से रुद्राभिषेक करने वाले भक्त सभी पापों से मुक्त होकर शिव की भूमि में निवास करते हैं। सोमवार के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सोमवार, जो चंद्र देव का दिन है और चंद्रमा आमतौर पर भगवान शिव के सिर पर होता है, भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। सावन के सोमवार इसलिए प्रभावी होते हैं क्योंकि इस ऋतु में सूर्य का प्रभाव कम और चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है।
चंद्रमा मन का स्वामी है और यह समय मानसिक शुद्धता, भावनात्मक संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन भक्ति भाव से किया गया रुद्राभिषेक मन के विकारों को शांत करता है, भक्ति भाव को जागृत करता है और ईश्वर की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
सावन के सोमवार को शनि के लिए किया गया रुद्र अभिषेक ग्रह दोषों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, खासकर चंद्रमा, राहु, केतु और शनि से संबंधित दोषों से पीड़ित लोगों के लिए। काल सर्पयोग, जो जीवन में अनिश्चितता, भय और बाधाओं का कारण बनता है, सावन में महामृतांजन जाप के साथ रुद्र अभिषेक का भी सबसे अच्छा लाभ बताया गया है।
आज की बैठक के दौरान संदीप ठाकुर के साथ-साथ नरेश कुमार, बलजीत सिंह, प्रिंस भनोट, अनुप भनोट, प्रणीति भनोट, अनुदेश सिंह राणा, राजिंदर प्रसाद, इंद्रजीत गोगना, राजिंदर कुमार, हरमेश कुमार, विवेक ठाकुर, गौरव भनोट, होशियार सिंह, विशेष जीत राणा, निखल राणा, विशाल ठाकुर, जनक सिंह, धर्मवीर, कमल शर्मा, संदीप कुमार हैप्पी, ठाकुर नरेश, राणा रविंदर साहित और अन्य भी मौजूद रहे।
