
सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं लेक्चरर : जर्नल कैटेगरी ज्वाइंट एक्शन कमेटी पंजाब के चीफ आर्गेनाइजर शाम लाल शर्मा
मोहाली, 2 जुलाई : आम आदमी पार्टी पिछली सरकारों की तरह पंजाब की माननीय सरकार भी सिर्फ बयानबाजी करके समय गुजार रही है, जबकि हकीकत में शिक्षा सुधारों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जहां मौजूदा सरकार पूरे देश में शिक्षा क्रांति और पंजाब के बेहतर शिक्षा मॉडल का प्रचार कर रही है।
मोहाली, 2 जुलाई : आम आदमी पार्टी पिछली सरकारों की तरह पंजाब की माननीय सरकार भी सिर्फ बयानबाजी करके समय गुजार रही है, जबकि हकीकत में शिक्षा सुधारों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जहां मौजूदा सरकार पूरे देश में शिक्षा क्रांति और पंजाब के बेहतर शिक्षा मॉडल का प्रचार कर रही है।
थकिए मत, जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। यह शब्द जनरल कैटेगरी ज्वाइंट एक्शन कमेटी पंजाब के चीफ आर्गेनाइजर श्याम लाल ने व्यक्त किए। शर्मा ने प्रेस नोट जारी कर यह बात कही।
उन्होंने बताया कि पंजाब के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपलों के 50 फीसदी से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, जो अपने आप में आम आदमी पार्टी की शिक्षा क्रांति पर सवालिया निशान है। यहां यह उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल भी इन खाली पदों को लेकर लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं। और सरकार को कई बार शर्मिंदगी भी उठानी पड़ी है।
इस निराशा को दूर करने और शिक्षा क्रांति को सही मायनों में लागू करने के लिए इस साल अप्रैल महीने की शुरुआत में शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मीडिया में घोषणा की थी कि यह स्थिति ज्यादा दिन नहीं रहेगी। यह सरकार की गलत नीतियों के कारण पैदा हुई है, क्योंकि 2018 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नियमों में बदलाव किया था, जिसके कारण लेक्चरारों का पदोन्नति कोटा 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया था। प्रतिशत बढ़ाया गया था।
इस गलती को सुधारते हुए मौजूदा सरकार फिर से तरक्की कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर रही है, जिससे जहां एक ओर लंबे समय से अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे लेक्चरारों को भी न्याय मिलेगा। पंजाब के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपलों के सैकड़ों खाली पड़े पदों को भी भरने की घोषणा की गई है। इससे सीनियर अध्यापकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने सरकार के इस फैसले का जोरदार स्वागत किया।
उन्होंने आगे कहा कि अब लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद भी इस घोषणा को अभी तक लागू नहीं किया गया है। लगाया गया था, जिसके कारण इस वर्ग में काफी रोष है। हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग ने अभी तक अपने स्तर पर इन 2018 सेवा नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। कोई बदलाव नहीं किया गया है और बार-बार कहा जा रहा है कि विभाग इस संबंध में कार्रवाई कर रहा है।
इन सीनियर लेक्चरर्स का दुखद पहलू यह है कि वे लगभग तीन दशकों से अपने पद पर हैं। पहली तरक्की का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच कई रिटायर हो गए हैं और कई लेक्चरर्स अगले कुछ महीनों में रिटायर हो जाएंगे। फिर उन्हें न्याय कब मिलेगा?
उन्होंने बताया कि अध्यापक अपनी समस्याओं को लेकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों, मुख्य सचिव पंजाब से संपर्क करें। शिक्षा मंत्री पंजाब, आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा, स्पीकर पंजाब विधानसभा और कई अन्य लोगों से संपर्क करें। अन्य लोगों से भी संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आया है।
अंत में श्याम लाल शर्मा ने शिक्षा मंत्री से अपील की कि वे अपने कार्यों में व्यक्तिगत रुचि लें। घोषणा के अनुसार इन लेक्चरर्स को जल्द ही प्रिंसिपल के तौर पर पदोन्नत किया जाए, अन्यथा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। जन संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
