गुरमति प्रशिक्षण शिविर के दौरान बच्चों को शब्दों की शक्ति से अवगत कराया गया।

महलपुर- साहिबजादा बाबा अजीत सिंह सेवा सोसायटी माहलपुर एवं गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्किल एरिया माहलपुर से प्रोफेसर अपिंदर सिंह, महासचिव सिख एजुकेशनल काउंसिल, डा. जंग बहादुर सिंह राय, सदस्य एसजीपीसी की सरपरस्ती में गुरुद्वारा बिभोर साहिब में 7 रोजा गुरमति प्रशिक्षण शिविर लगाया गया।

महलपुर- साहिबजादा बाबा अजीत सिंह सेवा सोसायटी माहलपुर एवं गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्किल एरिया माहलपुर से प्रोफेसर अपिंदर सिंह, महासचिव सिख एजुकेशनल काउंसिल, डा. जंग बहादुर सिंह राय, सदस्य एसजीपीसी की सरपरस्ती में गुरुद्वारा बिभोर साहिब में 7 रोजा गुरमति प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। 
जिसमें नजदीक व दूरदराज से करीब 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। शिविर के दौरान विशेषज्ञ विद्वानों ने बच्चों को सही उच्चारण, दस्तार सजाने, लेख लिखने, कविताएं सुनाने, शब्दों को याद करने व सुनाने आदि विषयों की जानकारी देकर जीवन के संघर्ष में आगे बढ़ने का अभ्यास करवाया गया।
 शिविर के दौरान रसाले निकी क्रुम्बलों के संपादक व शिरोमणि बल को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल किया गया। साहित्यकार बलजिंदर मान ने पंजाबी साहित्य के इतिहास, खास तौर पर बाल साहित्य की ऐतिहासिक परतों के बारे में लिखा। बच्चों की मैगजीन व बच्चों की किताबों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह संपूर्ण ब्रह्मांड शब्दों की शक्ति से ही चल रहा है। 
इसलिए हम सभी को शब्द का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। साहित्य का सृजन करने से पहले साहित्य का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। इसलिए जो विद्यार्थी साहित्य सृजन के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें अपनी रुचि और आयु वर्ग का चयन करना चाहिए। उसी के अनुसार कविता, कहानी, लेख, उपन्यास आदि पुस्तकें अधिक से अधिक पढ़नी चाहिए। 
पुस्तकों का चयन उनके माता-पिता और अध्यापकों की विशेष भूमिका हो सकती है। ऐसा करने से ही उनके अंदर रचनात्मक शक्ति का विकास होगा। उन्होंने उन विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस उम्र में टुकड़ों में गिरने की उम्र बढ़ जाएगी। मैं महकने और चलने लगूंगा। इसलिए अभी से हमें समय को समझते हुए अपनी कलाओं को उजागर करना चाहिए, ताकि अभ्यास की आवश्यकता है। 
पुस्तक संस्कृति के उत्कर्ष के लिए उपस्थित विद्यार्थियों को निकी क्रम्ब्स पब्लिकेशन्स की ओर से निकी क्रम्ब्स रसाला और बच्चों की पुस्तकों की प्रतियां उपहार स्वरूप भेंट की गई। आयोजकों ने उन्हें आम का पौधा देकर सम्मानित किया। गुरमति प्रशिक्षण शिविर की व्यवस्थाओं को बेहतरीन ढंग से संभालने में लेखक जगजीत सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
 गणेशपुर, जत्थेदार हरबंस सिंह सरहाला, जत्थेदार गुरदीप सिंह, मैडम सुरिंदर कौर और मैडम मनदीप कौर सहित स्टाफ सदस्यों ने दिन-रात मेहनत की। उनका उद्देश्य विद्यार्थियों के अंदर नई और उभरती संभावनाओं को सामने लाना है। इसके लिए रोचक उपाय किए गए। जिससे वे जीवन में उच्च से उच्च लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे। 
इस अवसर पर गायक और गीतकार के ज्योत औजला, युवा संपादक हरवीर मान, प्रख्यात शिक्षक सुरिंदर सिंह रिंपी, बलविंदर कुमार, विद्यार्थी, अध्यापक, प्रशासक और गुरुद्वारा साहिब के सेवादार मौजूद थे।