
मतदाता लोकतंत्र की नींव हैं - मुख्य चुनाव आयुक्त
चंडीगढ़, 13 जून - हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन के स्टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव सहायता संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में चुनाव प्रबंधन एवं लोकतांत्रिक सहयोग में भारत की दीर्घकालिक साझेदारी की वकालत की। श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निगमों के प्रमुखों के साथ कई दौर की द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। इसके अलावा, उन्होंने स्वीडन में रह रहे प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात की।
चंडीगढ़, 13 जून - हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन के स्टॉकहोम में अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव सहायता संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में चुनाव प्रबंधन एवं लोकतांत्रिक सहयोग में भारत की दीर्घकालिक साझेदारी की वकालत की।
श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निगमों के प्रमुखों के साथ कई दौर की द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। इसके अलावा, उन्होंने स्वीडन में रह रहे प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात की।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों को उनके वोट के महत्व के बारे में बताया और बताया कि भारत के चुनाव आयुक्त लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के दौरान प्रवासी भारतीय मतदाताओं के लिए वोट डालने की अलग से व्यवस्था करते हैं। भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है कि प्रत्येक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करे। चुनाव आयोग चुनावी प्रक्रिया के लिए एक संसाधन है।
असली ताकत मतदाता हैं। श्री ज्ञानेश कुमार ने चुनाव प्रबंधन में भारत के नेतृत्व को रेखांकित किया। इस सम्मेलन में लगभग 50 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसका आयोजन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (इंटरनेशनल आईडीईए) ने स्वीडिश विदेश मंत्रालय, स्वीडिश इलेक्टोरल अथॉरिटी और ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग के सहयोग से किया था।
उन्होंने कहा कि जिन देशों के साथ भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बातचीत की है, उनमें यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, मैक्सिको, मंगोलिया, मोल्दोवा, लिथुआनिया, मॉरीशस, जर्मनी, यूक्रेन, क्रोएशिया और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इस कार्यक्रम के मुख्य फोकस क्षेत्रों में गलत सूचना, डिजिटल परिवर्तन, चुनावी सुरक्षा, जलवायु संबंधी जोखिम और चुनावों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका शामिल हैं।
