
इफ्टू 13 जून को विधायकों को ज्ञापन सौंपकर ‘पंजाब शॉप्स एंड कमर्शियल इस्टेब्लिशमेंट्स संशोधन’ वापस लेने के लिए कहेगा।
नवांशहर 8 जून- इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स (इफ्टू) पंजाब ने भगवंत मान सरकार द्वारा पंजाब शॉप्स एंड कमर्शियल इस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट में मजदूरों के हितों के खिलाफ किए गए संशोधन को वापस लेने के लिए विधायकों को ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है।
नवांशहर 8 जून- इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स (इफ्टू) पंजाब ने भगवंत मान सरकार द्वारा पंजाब शॉप्स एंड कमर्शियल इस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट में मजदूरों के हितों के खिलाफ किए गए संशोधन को वापस लेने के लिए विधायकों को ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है।
इफ्टू के राज्य प्रेस सचिव जसबीर दीप ने जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला इफ्टू राज्य कमेटी की ऑनलाइन मीटिंग में लिया गया, जिसमें इफ्टू के राज्य अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच, राज्य सचिव राज सिंह मलोट, सहायक सचिव अवतार सिंह तारी, जुगिंदरपाल गुरदासपुर व अन्य राज्य कमेटी सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि यह संशोधन मजदूरों के अधिकारों पर हमला है।
मान सरकार ने मालिकों को मजदूरों से 12-12 घंटे काम लेने का कानूनी अधिकार दे दिया है। यह मजदूरों के उस अधिकार पर हमला है, जो दुनिया भर के मजदूरों ने करीब 139 साल संघर्ष करने के बाद 8 घंटे दिहाड़ी के रूप में हासिल किया था। मान सरकार ने 20 कर्मचारियों वाली दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पंजीकरण से छूट दे दी है और उनमें काम करने वाले कर्मचारियों से अपनी पंजीकृत यूनियन बनाने का अधिकार भी छीन लिया है। इन प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों को पहले भी ओवरटाइम नहीं दिया जाता था और भविष्य में भी नहीं दिया जाएगा।
इस तरह मान सरकार केंद्र की मोदी सरकार की चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को चुपके से लागू कर रही है। दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पहले से ही कर्मचारियों से 8 घंटे की जगह 10 घंटे काम लिया जाता था, लेकिन मान सरकार ने उनकी दिहाड़ी बढ़ाकर 12 घंटे करके अपना मजदूर विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।
