टीबी के सक्रिय मामलों को खोजने के लिए 100 दिवसीय अभियान

खरड़, 2 जून: सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन के मार्गदर्शन और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना के नेतृत्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ूआं में ब्लॉक के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं के लिए टीबी के खिलाफ सक्रिय मामलों को खोजने के लिए राष्ट्रव्यापी 100 दिवसीय अभियान के बारे में प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

खरड़, 2 जून: सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन के मार्गदर्शन और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना के नेतृत्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ूआं में ब्लॉक के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं के लिए टीबी के खिलाफ सक्रिय मामलों को खोजने के लिए राष्ट्रव्यापी 100 दिवसीय अभियान के बारे में प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
यह अभियान राष्ट्रीय टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत चलाया जा रहा है।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना और ब्लॉक एक्सटेंशन एजुकेटर गौतम ऋषि ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सर्वेक्षण करके और विशेष शिविरों का आयोजन करके रोगियों की पहचान करना है, ताकि उनका समय पर उपचार किया जा सके और टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सके। यह अभियान जून 2025 से मार्च 2026 तक चलेगा, जिसमें मास मीडिया और सूचना विंग के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। 
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राजीव शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की टीमें जिला और ब्लॉक स्तर से लेकर शहरी स्लम क्षेत्रों और गांव स्तर पर सर्वेक्षण करके संदिग्ध रोगियों का डेटा एकत्र करेंगी और इसे विभाग के पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। 
जिसके बाद रोगियों के बलगम की जांच स्वास्थ्य केंद्र पर भेजकर उनकी पहचान की जाएगी। समाजसेवी संस्था डब्ल्यूएचपी के जिला कार्यक्रम प्रबंधक राहुल शर्मा और जिला मेंटर नर्स खुशप्रीत कौर ने बच्चों में टीबी की पहचान के बारे में बताया।
 उन्होंने बताया कि जन्म से 14 वर्ष तक के बच्चे जिनका वजन नहीं बढ़ रहा, भूख नहीं लग रही, शरीर पर गांठें, दो सप्ताह से अधिक खांसी व बुखार आदि में टीबी के लक्षण हैं। आरबीएसके की टीमें स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में ऐसे बच्चों की पहचान करेंगी। प्रशिक्षण के अवसर पर डॉ. सरोज, आरबीएसके की टीमें, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, आशा फैसिलिटेटर व आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।
 निक्षय मित्र निभा सकते हैं अहम भूमिका टीबी मरीजों को 6 माह के उपचार के दौरान समाज सेवा के तौर पर हर माह राशन किट दी जा रही है। इसमें कोई भी जनप्रतिनिधि, एमसी, सरपंच-पंच, व्यापारी या समाज सेवी संस्था अहम योगदान दे सकती है। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay.in पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।