1,88,171 घरों का सर्वेक्षण, 2387 घरों में लार्वा पाया गया

एसएएस नगर, 21 जुलाई- 'हर शुक्रवार, डेंगू ते वार' अभियान के तहत, जिला स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए सर्वेक्षण, छिड़काव और जागरूकता अभियान मार्च महीने से पूरे जिले में लगातार चलाया जा रहा है।

एसएएस नगर, 21 जुलाई- 'हर शुक्रवार, डेंगू ते वार' अभियान के तहत, जिला स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए सर्वेक्षण, छिड़काव और जागरूकता अभियान मार्च महीने से पूरे जिले में लगातार चलाया जा रहा है।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन और जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. अनामिका सोनी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने मार्च से अब तक जिले में 1,88,171 घरों और अन्य स्थानों का सर्वेक्षण किया है। 2387 घरों और अन्य स्थानों में मच्छरों के लार्वा पाए गए हैं और नगर निगम द्वारा उल्लंघन करने वालों के 363 चालान काटे गए हैं और अन्य को सख्त चेतावनी दी गई है।
सिविल सर्जन के अनुसार, 37 स्वास्थ्य टीमों ने निरीक्षण किया। इस दौरान कुल 5,83,236 कंटेनर जैसे कूलर, फ्रिज ट्रे, गमले, खाली टायर, डिब्बे और अन्य कंटेनरों की जाँच की गई और 2862 कंटेनरों में लार्वा पाए गए। स्वास्थ्य विभाग उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है। स्कूलों में जाने के अलावा, टीमें अन्य स्थानों पर भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ा रही हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि डेंगू बुखार फैलाने वाले मच्छर का लार्वा कुछ ही दिनों में एक खतरनाक मच्छर में बदल सकता है जिससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि इन दिनों ठंड के मौसम के कारण डेंगू के मच्छर नहीं फैलते, जबकि इन दिनों भी डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के पनपने का खतरा बना रहता है। उन्होंने लोगों से डेंगू के प्रति पूरी तरह सतर्क और सजग रहने और अपने घरों और आसपास कहीं भी साफ या गंदा पानी न छोड़ने को कहा। 
सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू बुखार का कोई निश्चित मौसम नहीं होता, लेकिन आमतौर पर यह जुलाई से नवंबर तक अधिक फैलता है। जिले भर के सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जाँच और उपचार निःशुल्क उपलब्ध है। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104 पर कभी भी संपर्क किया जा सकता है।

डेंगू लक्षण
अचानक तेज़ बुखार।
तेज़ सिरदर्द।
आँखों के पीछे दर्द।
जोड़ों और मांसपेशियों में तेज़ दर्द।
त्वचा पर चकत्ते।
थकान।
मतली।
उल्टी।

क्या करें?
कूलर और अन्य छोटे बर्तनों से हफ़्ते में कम से कम एक बार पानी निकालें।
ऊपरी टंकियों को ढककर रखें।
हर हफ़्ते रेफ्रिजरेटर की पिछली ट्रे से पानी निकाल दें।
दिन में सोते समय मच्छरदानी या मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
पानी रखने वाले बर्तनों को हफ़्ते में एक बार खाली करके सुखाना ज़रूरी है।
मच्छरों के पनपने से रोकने के लिए आस-पास के वातावरण को साफ़ और सूखा रखें।
प्लास्टिक, नारियल के छिलकों और खाली डिब्बों व डिब्बों को फेंक दें।
अपने घर के अंदर और आस-पास के बाहरी बर्तनों और पानी के गड्ढों पर कीटनाशकों का छिड़काव करें।

क्या न करें?
ऐसे कपड़े न पहनें जिनसे आपके हाथ और पैर खुले रहें।
बच्चों को शॉर्ट्स और आधी बाजू के कपड़े पहनकर खेलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
पक्षियों के दाना डालने वाले बर्तनों में पानी जमा न होने दें।
शौचालय जाते समय बर्तनों को खुला न छोड़ें। स्टेशन से बाहर।
इन महीनों में गमलों के नीचे बर्तनों का इस्तेमाल न करें क्योंकि अगर उन्हें बिना बदले छोड़ दिया जाए तो उनमें पानी जमा हो जाता है।
डेंगू के मरीज़ों को स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक्स न दें।
जब तक रक्तस्राव जारी न हो या प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 से कम न हो, तब तक प्लेटलेट्स ट्रांसफ़्यूज़न से बचें।