सिविल अस्पताल होशियारपुर में उच्च रक्तचाप जागरूकता नाटक का आयोजन

होशियारपुर- सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा के निर्देशानुसार जिले भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके उच्च रक्तचाप जागरूकता माह मनाया जा रहा है। इसी के तहत आज सिविल अस्पताल होशियारपुर में सीनियर मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज सिविल अस्पताल होशियारपुर डॉ. स्वाति शिंहमार के नेतृत्व में माता गुजरी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं द्वारा उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक नाटक खेला गया।

होशियारपुर- सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा के निर्देशानुसार जिले भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके उच्च रक्तचाप जागरूकता माह मनाया जा रहा है। इसी के तहत आज सिविल अस्पताल होशियारपुर में सीनियर मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज सिविल अस्पताल होशियारपुर डॉ. स्वाति शिंहमार के नेतृत्व में माता गुजरी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं द्वारा उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक नाटक खेला गया। 
जिसमें जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. रणजीत सिंह विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस अवसर पर डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, मैट्रन मनजीत कौर, नर्सिंग सिस्टर परमजीत कौर, आईसीएन हरप्रीत कौर और एनसीडी स्टाफ नर्स किरणदीप कौर ने भाग लिया। नाटक के माध्यम से छात्राओं ने अस्पताल में आए मरीजों को उच्च रक्तचाप के कारणों और इससे बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जागरूक किया। 
इस दौरान बोलते हुए डॉ. रणजीत सिंह ने कहा कि इस नाटक के माध्यम से आप तक जानकारी पहुंचाने का हमारा उद्देश्य लोगों को अपने रक्तचाप की सही माप के बारे में जागरूक करना है, क्योंकि विश्व की 30 प्रतिशत से अधिक आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है, जिसके कारण हृदय रोग, किडनी फेलियर और स्ट्रोक के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 
उन्होंने कहा कि सीने में दर्द, चक्कर आना, उल्टी, थकान, सिर दर्द या चक्कर आना, सांस लेने में दिक्कत, आंखों पर विपरीत प्रभाव और पसीना आना उच्च रक्तचाप के लक्षण हैं। रक्त वाहिकाओं में वसा का जमा होना, गुर्दे के रोग, हृदय रोग, लकवा और आंखों के रोग आदि उच्च रक्तचाप से होने वाले रोग हैं। डॉ. स्वाति ने कहा कि रोग की शुरुआत और इसके लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता है, लेकिन समय पर पता लगने और उपचार से इसकी रोकथाम संभव है। तला हुआ या अधिक नमक वाला भोजन, बुढ़ापा, नशा, मोटापा, व्यायाम की कमी और मानसिक तनाव उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण हैं। 
अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर हम रक्तचाप जैसी अन्य गैर संचारी बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। नमक और तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए और तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। वजन को बढ़ने नहीं देना चाहिए, खाने में वसा की मात्रा कम करनी चाहिए, सब्ज़ियाँ और फल अधिक मात्रा में खाने चाहिए। उपचार और नियंत्रण के लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना ज़रूरी है। इसके साथ ही नियमित रूप से डॉक्टरी जाँच और दवाएँ लेनी चाहिए।