
देश भगत कमेटी ने भूख से तड़प रहे फिलिस्तीनियों के लिए आवाज उठाई
जालंधर- देश भगत स्मारक कमेटी ने आज ग़दर पार्टी की ऐतिहासिक विरासत की समीक्षा करते हुए बड़ी संवेदनशीलता के साथ महसूस किया कि ग़दर देशभक्तों के मूल उद्देश्यों में सबसे मुख्य बिंदु यह था कि जहाँ भी मानव जाति पर अत्याचार हो रहा है, जहाँ भी लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं, वहाँ ग़दरियों के वारिसों को अपनी आवाज़ उठाने के लिए आगे आना चाहिए।
जालंधर- देश भगत स्मारक कमेटी ने आज ग़दर पार्टी की ऐतिहासिक विरासत की समीक्षा करते हुए बड़ी संवेदनशीलता के साथ महसूस किया कि ग़दर देशभक्तों के मूल उद्देश्यों में सबसे मुख्य बिंदु यह था कि जहाँ भी मानव जाति पर अत्याचार हो रहा है, जहाँ भी लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं, वहाँ ग़दरियों के वारिसों को अपनी आवाज़ उठाने के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खेदजनक प्रवृत्ति है कि दुनिया खामोशी की चादर ओढ़कर सोने की आदी होती जा रही है। निस्संदेह, इन अंधेरी रातों में टिमटिमाने वाले जुगनू भी अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, लेकिन यह पहले से कहीं अधिक खतरनाक और असंवेदनशील रवैये का प्रकटीकरण है कि दुनिया की आँखों के सामने, पूरे गाजा पट्टी में नरसंहार करके और गाजा को खंडहर में बदलकर, इज़रायल के शासक, अमेरिकी सरकार के समर्थन से, लोगों पर हर तरह के युद्ध का कहीं अधिक दयनीय रूप थोप रहे हैं। भूख से जंग, गोलियों से जंग, अस्पतालों, स्कूलों और शरणार्थी शिविरों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि खास तौर पर नवजात शिशुओं और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेरहमी से मौत के घाट उतारा जा रहा है।
समिति के नेताओं ने कहा कि यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि मानवतावादी कहलाने का साहस करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आंखों के सामने ये बच्चे दिनदहाड़े भूख से मर रहे हैं और ऊपर से क्रोध की हवाएं चल रही हैं।
समिति ने उभरते तथ्यों का हवाला देते हुए कहा है कि गाजा की पूरी नाकेबंदी, पानी, भोजन, पोषण और दवा पर पूरी तरह प्रतिबंध के कारण लाखों बच्चे तड़पते हुए मौत के चंगुल में धकेले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 48 घंटे के अंदर 14 लाख से ज्यादा बच्चे भूख के कारण फिलिस्तीन की धरती पर हमेशा के लिए सो जाएंगे, इसलिए दुनिया की आवाज उठनी चाहिए।
इस दर्दनाक मंजर के आगे अमेरिकी इजरायली हुक्मरानों के कान अभी तक नहीं रेंग रहे हैं। यह एक तथ्य है कि फिलिस्तीन के अंदर से सभी इजरायली कैदियों को रिहा कर दिया गया है और वे फिलिस्तीनी संस्कृति की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद गोलाबारी पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। समिति का कहना है कि गाजा का इस्तेमाल फिलिस्तीन का बारीकी से निरीक्षण करने आए कई देशों के प्रतिनिधियों को गाजा से भागने के लिए मजबूर करने के लिए भी किया जा रहा है।
इंडियन वर्कर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट के संरक्षक डॉ. एसएस सूदन, अध्यक्ष डॉ. अरुण मित्रा और महासचिव डॉ. सुकील रहमान से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए देश भगत यादगार कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह, महासचिव प्रिथीपाल सिंह मारी मेघा और सांस्कृतिक विंग के संयोजक अमोलक सिंह ने आज कहा कि गाजा में बहुत ही अमानवीय और दर्दनाक हालात पैदा हो रहे हैं|
जिसके मद्देनजर देश भगत कमेटी ने दुनिया भर के सभी मानवतावादी संगठनों से अपील की है कि वे अपनी मजबूत आवाज उठाएं और मांग करें कि इजरायली सेना तुरंत फिलिस्तीन से हट जाए, फिलिस्तीन को फिलिस्तीनियों को सौंप दिया जाए, नाकाबंदी हटाई जाए, सैन्य बलों को तुरंत वापस बुलाया जाए, फिलिस्तीनियों पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाए जाएं और सबसे पहले भुखमरी की चपेट में आए फिलिस्तीनी लोगों तक बिना किसी बाधा के भोजन, दवा, पानी आदि पहुंचने की गारंटी दी जाए, अस्पतालों की विश्वसनीय व्यवस्था की जाए और दुनिया भर से सहायता टीमों को गाजा के लोगों के इलाज और जीवन सुरक्षा के लिए उपकरण ले जाने की अनुमति दी जाए।
