पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने भावनात्मक अंदाज में मनाया राष्ट्रीय हिंदी दिवस

चंडीगढ़, 18 सितंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने 18 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस को बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया। इस खास आयोजन का संचालन कॉलेज के हिंदी संपादकीय बोर्ड (HEB) के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर डॉ. अशोक नादिर, डॉ. अनीश गर्ग और डॉ. संतोष गर्ग जैसी साहित्यिक हस्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया, जिससे छात्रों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

चंडीगढ़, 18 सितंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने 18 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस को बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया। इस खास आयोजन का संचालन कॉलेज के हिंदी संपादकीय बोर्ड (HEB) के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर डॉ. अशोक नादिर, डॉ. अनीश गर्ग और डॉ. संतोष गर्ग जैसी साहित्यिक हस्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया, जिससे छात्रों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। 
PEC के निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया और डीन स्टूडेंट्स अफेयर्स प्रो. डी.आर. प्रजापति ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने हिंदी भाषा के महत्व और हमारे दैनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया। प्रो. भाटिया ने हिंदी दिवस की विशेषता पर प्रकाश डाला, जो हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, और इसे दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बताया।
डॉ. संतोष गर्ग ने अपने प्रेरणादायक भाषण से छात्रों को जीवन में स्पष्ट दृष्टिकोण रखने के लिए प्रेरित किया। उनके soulful गीतों और ग़ज़लों ने माहौल को ऊर्जा से भर दिया। इसके बाद PEC के पूर्व छात्र डॉ. अशोक नादिर ने हिंदी दिवस के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने यह बताया कि कैसे अपनी मातृभाषा को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल किया जा सकता है और पेशेवर जीवन में पश्चिमी भाषाओं और संस्कृतियों का संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डॉ. अनीश गर्ग ने अपनी कविताओं और ग़ज़लों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हिंदी संपादकीय बोर्ड के सदस्यों ने भी अपनी रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसे श्रोताओं से जोरदार तालियों की सराहना मिली।
कार्यक्रम के दौरान, प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती अमृता प्रीतम को विशेष रूप से श्रद्धांजलि दी गई और उनके जीवन और कृतियों पर आधारित एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इसके अलावा, "ख़्वाबों की उड़ान" कविता प्रतियोगिता के विजेताओं—शिवांश, हरलीन कौर, विराज और देबयान—को भी सम्मानित किया गया।
अतिथियों को शॉल और स्मृति चिह्न भेंट किए गए, साथ ही कवयित्री अमृता प्रीतम की साहित्यिक कृतियाँ भी उपहारस्वरूप दी गईं।
कार्यक्रम का समापन प्रो. लोकेश द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और हिंदी दिवस के महत्त्व को और गहराई से समझते हुए अपना आभार प्रकट किया।