तख्त पटना साहिब के फैसले को तीनों तख्तों के पंज प्यारों ने रद्द कर दिया।

अमृतसर, 22 मई - तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों द्वारा कल लिए गए फैसले को श्री अकाल तख्त, तख्त श्री केसगढ़ साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब के पंज प्यारों ने सिद्धांतहीन और अनुचित करार देते हुए खारिज कर दिया है।

अमृतसर, 22 मई - तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों द्वारा कल लिए गए फैसले को श्री अकाल तख्त, तख्त श्री केसगढ़ साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब के पंज प्यारों ने सिद्धांतहीन और अनुचित करार देते हुए खारिज कर दिया है।
तख्त श्री पटना साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह ने बुधवार को तख्त के प्रमुख ग्रंथी और ग्रंथियों के साथ बैठक की और अकाल तख्त द्वारा लिए गए फैसले को खारिज कर दिया। उन्होंने अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज और तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार टेक सिंह धनौला को वेतनभोगी घोषित किया था। इसी मामले में सुखबीर सिंह बादल को साजिशकर्ता के रूप में शामिल होने का आरोप लगाते हुए अपना पक्ष रखने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। इस संबंध में उन्हें तख्त श्री पटना साहिब के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है।
इस मामले में भाई कुलवंत सिंह, भाई सुखदेव सिंह, भाई सुखविंदर सिंह, भाई रसपाल सिंह और भाई संदीप सिंह सहित अकाल तख्त के पंज प्यारे साहिबानों ने आज यहां एक बैठक की और तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों द्वारा लिए गए फैसले को पंथिक एकता को नष्ट करने और सिख समुदाय की छवि को धूमिल करने वाला बताया। उन्होंने तख्त श्री पटना साहिब के ग्रंथी सिंहों द्वारा पिछले दिन लिए गए फैसले को सिद्धांतहीन बताते हुए खारिज कर दिया है।
इसी तरह तख्त श्री केशगढ़ साहिब के पंज प्यारे साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो के पंज प्यारे साहिब ने भी तख्त श्री पटना साहिब के ग्रंथी सिंहों द्वारा लिए गए फैसले को खारिज कर दिया है। सिख आचार संहिता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय संगत के फैसलों के खिलाफ अपील केवल श्री अकाल तख्त में की जा सकती है तथा इस संबंध में कोई अलग हुक्मनामा जारी नहीं किया जा सकता। यदि स्थानीय समुदाय को किसी निर्णय पर कोई आपत्ति हो तो पुनर्विचार के लिए अकाल तख्त में अपील की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों को जल्द से जल्द श्री अकाल तख्त के समक्ष पेश होकर माफी मांगकर जो फैसला लिया है, उसे वापस लेना चाहिए। पंथ ऐसी सिख विरोधी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा तथा उसने इस निर्णय को पंथ विरोधी तथा सिद्धांतहीन बताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया है।
इसके अलावा श्री अकाल तख्त के सचिव की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तख्त श्री पटना साहिब का मामला जिस पर कल पांच सिंह साहिबानों ने चर्चा की, वह आज का मामला नहीं बल्कि दो-तीन साल पहले का मामला है। इस मामले में तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारे साहिबानों द्वारा की गई कार्रवाई को सैद्धांतिक रूप से गलत करार देते हुए खारिज कर दिया गया है।
गौरतलब है कि बुधवार को श्री अकाल तख्त पर हुई पांचों सिंह साहिबानों की बैठक में तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर पर लगे आरोपों के मामले पर चर्चा की गई थी। इसकी एक रिपोर्ट श्री अकाल तख्त तक पहुंची थी, जिसके बाद इस जांच रिपोर्ट के आलोक में पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गौहर को बरी कर दिया गया था। एक अन्य अलग मामले में जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह और ज्ञानी गुरदयाल सिंह की सेवाएं निलंबित कर दी गईं तथा तख्त श्री पटना साहिब प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को अपना मामला प्रस्तुत करने के लिए अकाल तख्त में बुलाया गया।