
माता-पिता को अपने बच्चों का स्वयं ध्यान रखना चाहिए: चमन सिंह
नवांशहर- रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों पुनर्वास केंद्र नवांशहर द्वारा श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा साहिब, महदीपुर कलां में "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत नशा विरोधी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता श्रीमती निशा रानी (सरपंच) ने की।
नवांशहर- रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों पुनर्वास केंद्र नवांशहर द्वारा श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा साहिब, महदीपुर कलां में "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत नशा विरोधी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता श्रीमती निशा रानी (सरपंच) ने की।
इस अवसर पर स. चमन सिंह (परियोजना निदेशक) ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बच्चों को नशे के प्रति जागरूक किया तथा अपील की कि जो लोग अनुशासन में रहते हैं, वही लोग अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं।
यदि परिवार में कोई सदस्य नशे का आदी है तो उसे नशे के प्रति जागरूक किया जा सकता है तथा नशे से होने वाले नुकसान जैसे बीड़ी, सिगरेट आदि पीने से कैंसर आदि के बारे में बताया जा सकता है, जिससे नशा करने वाला व्यक्ति भी नशा छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने पर ही हम अपनी इच्छित मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए नशे से दूर रहकर ही हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं।
आज के समय में लोगों को नशे के प्रति जागरूक करके ही उन्हें नशे से दूर रखा जा सकता है। उन्होंने नशा करने वालों की पहचान करने के बारे में भी कुछ बातें साझा कीं तथा नशे से होने वाली बीमारियों के बारे में भी विस्तार से बताया। अंत में उन्होंने कहा कि जीवन में अनेक समस्याएं आएंगी, लेकिन किसी भी समस्या का समाधान नशे में नहीं ढूंढना चाहिए।
श्रीमती कमलजीत कौर (काउंसलर) ने भी केंद्र में मरीजों के इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की कि कोई भी नशा पीड़ित व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार एक माह तक केंद्र में रहकर मुफ्त इलाज करवा सकता है, क्योंकि घर पर रहकर नशा नहीं छोड़ा जा सकता, इसलिए नशा छोड़ने के लिए मनोचिकित्सकों और नशा मुक्ति केंद्रों तक पहुंचना जरूरी है।
इस अवसर पर श्रीमती निशा रानी (सरपंच) ने रेडक्रॉस टीम का धन्यवाद किया तथा आश्वासन दिया कि वे भविष्य में भी नशा विरोधी जागरूकता शिविरों का आयोजन करते रहेंगे। इस अवसर पर आंगनवाड़ी हेल्पर परमजीत कौर, ज्योति रानी, नरिंदर कौर, अमनजोत, नरेश रानी, बबली, केवल राम, रजनी, जसपाल राम और ग्रामीण उपस्थित थे।
