
एडवोकेट धामी ने भाई बलवंत सिंह राजोआना से संबंधित याचिका पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ विशेष बैठक की
चंडीगढ़, 17 मई -शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भाई बलवंत सिंह राजोआना के संबंध में शिरोमणि कमेटी द्वारा दायर याचिका पर वरिष्ठ वकीलों और पूर्व न्यायाधीशों की राय लेने के लिए आज अपने उप कार्यालय चंडीगढ़ में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में याचिका को लेकर लंबी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान यह विचार सामने आया कि सरकार को इसके आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए और याचिका वापस नहीं लेनी चाहिए, बल्कि दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
चंडीगढ़, 17 मई -शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भाई बलवंत सिंह राजोआना के संबंध में शिरोमणि कमेटी द्वारा दायर याचिका पर वरिष्ठ वकीलों और पूर्व न्यायाधीशों की राय लेने के लिए आज अपने उप कार्यालय चंडीगढ़ में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में याचिका को लेकर लंबी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान यह विचार सामने आया कि सरकार को इसके आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए और याचिका वापस नहीं लेनी चाहिए, बल्कि दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि यह बहुत गंभीर राष्ट्रीय मामला है, जिसके लिए राष्ट्रीय राय बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी इस संबंध में लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रही है, लेकिन सरकारें इस मामले में मानवाधिकारों का हनन करने पर आमादा हैं। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को इस मामले पर निर्णय लेने के लिए कहने के बावजूद सरकार का रवैया बेहद खेदजनक है। उन्होंने कहा कि सरकारों का यह कर्तव्य है कि वे अपनी कार्यशैली में सभी के साथ समान व्यवहार करें, लेकिन सिख समुदाय की भावनाओं से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले को लेकर जो रवैया अपनाया जा रहा है, उससे सरकार की मंशा पर सवाल उठता है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि कल जब भाई राजोआना से मुलाकात हुई थी तो उन्होंने शिरोमणि कमेटी से अपनी याचिका वापस लेने को कहा था। इसके लिए सिख संगठनों, सिख बुद्धिजीवियों और महासंघों के साथ बैठकें की गई हैं। आज की बैठक इसी संदर्भ में आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि हालांकि याचिका को लेकर भाई राजोआना का गुस्सा जायज है और वह अपनी मान्यताओं पर अडिग हैं, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी में फैसला लेना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में पंथ की प्रतिनिधि बैठक बुलाकर अगली रूपरेखा तैयार की जाएगी।
बैठक में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के अलावा पूर्व जज जस्टिस मनिंदर मोहन सिंह बेदी, वरिष्ठ वकील एडवोकेट पूरन सिंह हुंदल, एडवोकेट जीएस बल, एडवोकेट अमर सिंह चहल, एडवोकेट राजविंदर सिंह बैंस, सिख विद्वान डॉ. केहर सिंह, एस. काहन सिंह पन्नू, पूर्व आईएएस, शिरोमणि कमेटी के सदस्य एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, वरिष्ठ वकील एडवोकेट बरजिंदर सिंह सोढ़ी, एडवोकेट परमजीत सिंह बराड़, एडवोकेट बलतेज सिंह, पूर्व डीए, एडवोकेट बलवंत सिंह गुलियानी शामिल थे। डॉ. पुनीत कौर सेखों, एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर, एडवोकेट रविंदर सिंह सांपला, एडवोकेट बलविंदर सिंह सूदन, एडवोकेट हरभजन सिंह थांदी, एडवोकेट राजेश्वर सिंह सुलेर, शिरोमणि कमेटी सचिव इंजी. सुखमिंदर सिंह, उप सचिव स. लखबीर सिंह, इंचार्ज स. आजाददीप सिंह, मैनेजर राजिंदर सिंह टोहरा आदि उपस्थित थे।
