अनाभाऊ फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने मोहाली के डीएसपी और 02 एसएचओ पर जमीन के कागजात से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

चंडीगढ़: अनाभाऊ फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने मोहाली पुलिस के डीएसपी-एचएस बल और एसएचओ सिमरनजीत सिंह पर ट्रस्ट के मूल जमीन के कागजातों के साथ छेड़छाड़ करने और पुराने ट्रस्ट सदस्यों (जिन्होंने इस्तीफा दे दिया था) को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।

चंडीगढ़: अनाभाऊ फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने मोहाली पुलिस के डीएसपी-एचएस बल और एसएचओ सिमरनजीत सिंह पर ट्रस्ट के मूल जमीन के कागजातों के साथ छेड़छाड़ करने और पुराने ट्रस्ट सदस्यों (जिन्होंने इस्तीफा दे दिया था) को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
डीएसपी-एचएस बल व अन्य पुलिस अधिकारियों से जुड़े कागजातों से छेड़छाड़ के मामले को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की गई है। पीड़िता ने इस संबंध में राज्य के डीजीपी और जिले के एसएसपी से भी शिकायत कर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान ट्रस्ट के सदस्य लखवीर सिंह व अन्य ने बताया कि वर्ष 2000 में ट्रस्ट के नाम मोहाली के सेक्टर 113 में 6 एकड़ जमीन थी। लेकिन किसी कारणवश ट्रस्ट के कुछ पुराने सदस्यों ने ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया। ट्रस्ट की जमीन के स्वामित्व और कब्जे को लेकर मामला बढ़ता गया और पुलिस तक पहुंच गया। 
पुलिस ने उनसे जमीन के मूल दस्तावेज मांगे। ट्रस्ट के सदस्य लखवीर सिंह ने उनकी विश्वसनीयता पर संदेह किए बिना मूल दस्तावेज डीएसपी-एचएस बल को सौंप दिए। भूमि को 'फर्द'/जब्ती ज्ञापन के माध्यम से सौंप दिया गया। लेकिन डीएसपी-एचएस बल ने पुराने ट्रस्ट सदस्यों (जिन्होंने ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया था) का समर्थन किया और सभी मूल दस्तावेज उन्हें सौंप दिए।
इन सभी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें पूर्व ट्रस्ट सदस्यों से संबंधित दिखाने का प्रयास किया गया। जब यह बात सामने आई तो ट्रस्ट के सदस्य लखवीर सिंह ने इसका विरोध किया और मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया। डीएसपी-एचएस बल की इस लापरवाही के संबंध में सतर्कता विभाग में भी शिकायत दर्ज कराई गई।
बाद में उच्च अधिकारियों ने मामले का कड़ा संज्ञान लिया और सभी दस्तावेजों को उनकी प्रामाणिकता की जांच के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया। अब सभी कागजात और अन्य फर्जी दस्तावेज फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के पास हैं। हमें यह भी संदेह है कि डीएसपी बल और एसएचओ सिमरनजीत सिंह द्वारा फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को भेजे गए दस्तावेज भी असली नहीं हैं, वे भी संभवतः फर्जी दस्तावेज हैं।
उन्होंने कहा कि वह मांग करते हैं कि मोहाली पुलिस की घोर अवैध कार्रवाइयों और आपराधिक कृत्यों को ध्यान में रखते हुए इसकी गहन जांच की जाए और आरोपी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।