आतंकवादी व प्राकृतिक हमलों के दौरान बचने का प्रशिक्षण जरूरी - काका राम वर्मा

पटियाला- पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले या उनसे पहले हुए अनेक हमलों, विश्व युद्धों, प्राकृतिक व मानवीय आपदाओं में मरने वालों को कुछ दिनों बाद मोमबत्तियां जलाकर व श्रद्धांजलि देकर भुला दिया जाता है, लेकिन जिनके परिवार के सदस्य ऐसे हमलों में मारे गए, वे लोग, बच्चे, बुजुर्ग, विधवाएं अपने दिवंगत लोगों को कभी नहीं भूल सकते।

पटियाला- पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले या उनसे पहले हुए अनेक हमलों, विश्व युद्धों, प्राकृतिक व मानवीय आपदाओं में मरने वालों को कुछ दिनों बाद मोमबत्तियां जलाकर व श्रद्धांजलि देकर भुला दिया जाता है, लेकिन जिनके परिवार के सदस्य ऐसे हमलों में मारे गए, वे लोग, बच्चे, बुजुर्ग, विधवाएं अपने दिवंगत लोगों को कभी नहीं भूल सकते।
 इसलिए जरूरी है कि बच्चों, युवाओं, नागरिकों व कर्मचारियों को प्राकृतिक या मानवीय हमलों के दौरान खुद की रक्षा करने व पीड़ितों की जान बचाने के लिए प्राथमिक उपचार सीपीआर प्रशिक्षण व मॉक ड्रिल दी जाए। भारत सरकार के प्राथमिक उपचार, सुरक्षा, स्वास्थ्य, जागरूकता मिशन व आपदा प्रबंधन, नागरिक सुरक्षा प्रमुख, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षक श्री काका राम वर्मा ने कहा कि ऐसे हमले होते रहेंगे, कई देशों में युद्ध चल रहे हैं, क्योंकि दिलों में नफरत, अहंकार, घमंड, हिंसा व लूटपाट बढ़ती जा रही है। 
उन्होंने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के बाद अनेक देशों में विद्यार्थियों, युवाओं, एनएसएस स्वयंसेवकों, एनसीसी कैडेटों, स्काउट गाइडों तथा रेड क्रॉस प्राथमिक चिकित्सा स्वयंसेवकों को बचपन व युवावस्था में पीड़ितों का मददगार मित्र बनाने, प्राकृतिक व मानव निर्मित आक्रमणों, युद्धों के दौरान स्वयं की रक्षा करने तथा जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए वर्ष में दो से तीन बार प्रशिक्षण, अभ्यास व मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। प्रशिक्षित विद्यार्थी व युवा आपातकालीन परिस्थितियों में जान-माल की हानि को रोकने वाले तथा पीड़ितों की सहायता करने वाले मददगार देवदूत बनने में बहुत गर्व महसूस करते हैं। 
आपदा प्रबंधन, नागरिक सुरक्षा, प्राथमिक चिकित्सा, सीपीआर, अग्नि सुरक्षा, पीड़ितों का बचाव व परिवहन प्रशिक्षण अभ्यास व मॉक ड्रिल आज के समय में भोजन, पानी, शिक्षा व मनोरंजन से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके हाथों में संजीवनी का पौधा है जैसे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने भाई घनैया जी के माध्यम से हजारों घायल सैनिकों की जान बचाई थी। 
काका राम वर्मा ने पंजाब सरकार, जिला डिप्टी कमिश्नर, जिला शिक्षा अधिकारियों और समाज सेवी संस्थाओं से अनुरोध किया कि वे हमलों, आपदाओं, आगजनी, गैस लीक, बिजली के शॉर्ट सर्किट और अचानक होने वाली मौतों के दौरान मृतकों को बचाने के लिए प्रशिक्षण अभ्यास और मॉक ड्रिल करके पीड़ितों की मदद करने वाले देवदूत बनाने के मिशन शुरू करें। 
जिसमें पूर्व सैनिकों, डॉक्टरों, नर्सों और नागरिक सुरक्षा अधिकारियों की मदद से भारत और पंजाब के युवाओं को आतंकवादी और प्राकृतिक हमलों के पीड़ितों को बचाने के लिए मददगार देवदूत बनाया जा सकता है। काका राम वर्मा निशुल्क प्रशिक्षण अभ्यास और मॉक ड्रिल आयोजित करेंगे।