
डॉ. हरबख्श सिंह आईएएस की जयंती पर सुखमनी साहिब पाठ
होशियारपुर- डॉ. हरबख्श सिंह आईएएस (1981 बैच) की जयंती पर आध्यात्मिक एवं शांतिपूर्ण माहौल में सुखमनी साहिब पाठ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन उनके पुत्रों विक्रमादित्य सिंह एवं सिंघेश्वर सिंह ने किया, जिन्होंने अपने पिता की जनसेवा, ईमानदारी एवं करुणा की शानदार विरासत को याद किया।
होशियारपुर- डॉ. हरबख्श सिंह आईएएस (1981 बैच) की जयंती पर आध्यात्मिक एवं शांतिपूर्ण माहौल में सुखमनी साहिब पाठ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन उनके पुत्रों विक्रमादित्य सिंह एवं सिंघेश्वर सिंह ने किया, जिन्होंने अपने पिता की जनसेवा, ईमानदारी एवं करुणा की शानदार विरासत को याद किया।
समाज कल्याण, उद्योग एवं मानवीय कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाने जाने वाले विक्रमादित्य सिंह ने इस कार्यक्रम की पूरी परिकल्पना एवं नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम महज श्रद्धांजलि नहीं है, बल्कि एक वादा है कि एक परिवार के रूप में वे अपने पिता के मूल्यों एवं आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे।
अमृतसर मेडिकल कॉलेज से स्वर्ण पदक विजेता एवं आईएएस में टॉपर रहे डॉ. हरबख्श सिंह अपने पूरे करियर में निडरता, ईमानदारी एवं करुणा की मिसाल बने रहे। वर्ष 2013 में उनके निधन के बाद भी उनके जीवन मूल्य आज भी नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं। सिंह परिवार- जिसमें डॉ. सिंह के पिता एस. गुलजार सिंह (जो जालंधर में डिप्टी कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए) और माता बीबी प्रकाश कौर (एक गुणी और संस्कारी मां) शामिल हैं- लंबे समय से सेवा, ईमानदारी और आध्यात्मिकता के लिए जाने जाते हैं।
अब उनके बेटे विक्रमादित्य और सिंहेश्वर न केवल इन परंपराओं को बचाए हुए हैं, बल्कि समाज के प्रति नए आदर्शों के मार्ग पर भी अपना योगदान दे रहे हैं। आध्यात्मिक कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख समाजसेवी, राजनीतिक नेता, धार्मिक हस्तियां और जाने-माने उद्योगपति शामिल थे।
यह सभा इस बात का प्रमाण थी कि डॉ. हरबख्श सिंह का जीवन कितना प्रेरणादायक था। विक्रमादित्य सिंह ने अपने भावुक संबोधन में कहा: "मेरे पिता का जीवन उनका संदेश था- विनम्रता, आदर्शों के प्रति समर्पण और जनहित। अब हमारा कर्तव्य है कि हम इस प्रकाश को आगे बढ़ाएं।" उनके पैतृक गांव में आयोजित समारोह में पंजाब की सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिक गंभीरता और एकता पर प्रकाश डाला गया। उपस्थित लोगों ने डॉ. सिंह की याद में भावनात्मक यादें और जीवन के मूल मूल्यों को साझा किया।
समारोह के अंत में परिवार ने सभी का आभार व्यक्त किया और डॉ. हरबख्श सिंह की विरासत को समाज सेवा, विकास कार्यों और मानवीय पहलों के माध्यम से आगे बढ़ाने के वादे के साथ समारोह का समापन हुआ।
यह समारोह केवल एक पारंपरिक समारोह नहीं था - यह एक जीवंत श्रद्धांजलि थी। यह प्रेम, सेवा और करुणा से निर्मित एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम था, जिसके माध्यम से एक परिवार आज भी समाज में वही रोशनी फैला रहा है, जिससे डॉ. हरबख्श सिंह जीवन भर प्रकाशित रहे।
