
पंजाब सरकार ने महाधिवक्ता कार्यालय में अनुसूचित जाति समुदाय को आरक्षण देकर इतिहास रचा- विधायक कुलजीत सिंह रंधावा
डेरा बस्सी, 17 अप्रैल: आम आदमी पार्टी सरकार ने महाधिवक्ता कार्यालय में अनुसूचित जाति समुदाय को आरक्षण देकर इतिहास रच दिया है। यह विचार डेरा बस्सी विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने आज यहां मीडिया से बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
डेरा बस्सी, 17 अप्रैल: आम आदमी पार्टी सरकार ने महाधिवक्ता कार्यालय में अनुसूचित जाति समुदाय को आरक्षण देकर इतिहास रच दिया है। यह विचार डेरा बस्सी विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने आज यहां मीडिया से बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा सभी वर्गों के लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है, जिसे पंजाब के लोग अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने मुख्यमंत्री पंजाब स. भगवंत सिंह मान की सोच पर चलते हुए आम आदमी पार्टी को बड़ा जनादेश दिया है।
विधायक रंधावा ने कहा कि पंजाब सरकार ने शहीद-ए-आजम स. भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी की तस्वीरें लगाकर उन महान शख्सियतों को श्रद्धांजलि दी है, जिनसे हमारी आने वाली पीढ़ियां हमेशा मार्गदर्शन लेती रहेंगी। विधायक ने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, लेकिन देश के सभी उच्च न्यायालयों में किसी भी राज्य के वकील या सरकारी वकील की भर्ती के लिए एससी/एसटी के लिए कोई आरक्षण नहीं था।
उन्होंने कहा कि खुद को पिछड़े वर्गों का हितैषी कहने वाली पिछली सरकारों ने कभी भी उनके पक्ष में आवाज नहीं उठाई, वे केवल वोट पाने के लिए एससी समुदाय का इस्तेमाल करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 2017 में राज्य के उच्च न्यायालयों में एससी/एसटी के लिए आरक्षण की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
विधायक कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि हमारी पार्टी ने 2017 के अधिनियम में संशोधन लाया था और उस समय पहली बार वरिष्ठ एडवोकेट जनरल या अतिरिक्त एडवोकेट जनरल या वरिष्ठ उप एडवोकेट जनरल या उप एडवोकेट जनरल, सहायक एडवोकेट जनरल या एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के 58 पदों को भरने के लिए आरक्षण दिया गया था, जो पंजाब के एससी और पंजाब के अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में लिया गया ऐतिहासिक फैसला है। विधायक ने कहा कि भर्ती के लिए तय मापदंड के अनुसार 58 में से 15 पद रिक्त रह गए, क्योंकि इन पदों के लिए आय सीमा अधिक होने के कारण आयकर मापदंड के अनुसार कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाया।
विधायक ने कहा कि इसी को देखते हुए सरकार ने मापदंड में फिर ढील दी है, जिसके अनुसार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सभी उम्मीदवारों का आयकर आधा कर दिया जाएगा, यानी 20 लाख वाली व्यवस्था में 10 लाख रुपये, 15 लाख वाली व्यवस्था में 7.5 लाख रुपये, 10 लाख वाली व्यवस्था में 5 लाख रुपये, 7 लाख वाली व्यवस्था में 3.5 लाख रुपये तथा 3.5 लाख वाली व्यवस्था में 1.75 लाख रुपये।
उन्होंने कहा कि हमने इस मापदंड में काफी ढील दी है, ताकि 15 रिक्त पदों को भरा जा सके। विधायक रंधावा ने इस फैसले के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल व मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का विशेष तौर पर आभार जताया। इस अवसर पर पार्टी की जिला अध्यक्ष एवं जिला योजना समिति की चेयरपर्सन प्रभजोत कौर तथा स्थानीय नेता नरेश उपनेजा भी उपस्थित थे।
