
खालसा पंथ के रचयिता दशमेश पिता जी द्वारा दिए गए ज्ञान से ही वर्तमान अत्याचारी शासकों के अहंकार को तोड़ा जा सकता है- तलविंदर हीर
होशियारपुर- इतिहास गवाह है कि अत्याचारी शासकों के अहंकार को ज्ञान की तलवार से ही तोड़ा गया है। चेतना और उत्साह के सही संयोजन से हर क्षेत्र पर विजय प्राप्त की जा सकती है। विश्वासघाती सरकारों ने जनशक्ति को जितना चाहा दबा दिया है। आज तक हमने जो भी कष्ट और आघात झेले हैं, उन पर एकजुट होकर एकांत में विचार करने की जरूरत है। हमें अपने विश्वासघाती नेताओं की पहचान करनी होगी, जिन्होंने पंजाब की हरियाली और खुशहाली को नष्ट किया है।
होशियारपुर- इतिहास गवाह है कि अत्याचारी शासकों के अहंकार को ज्ञान की तलवार से ही तोड़ा गया है। चेतना और उत्साह के सही संयोजन से हर क्षेत्र पर विजय प्राप्त की जा सकती है। विश्वासघाती सरकारों ने जनशक्ति को जितना चाहा दबा दिया है। आज तक हमने जो भी कष्ट और आघात झेले हैं, उन पर एकजुट होकर एकांत में विचार करने की जरूरत है। हमें अपने विश्वासघाती नेताओं की पहचान करनी होगी, जिन्होंने पंजाब की हरियाली और खुशहाली को नष्ट किया है।
जब राजा और उनके सरदार कुत्ते बन जाएंगे, तब बाबा नानक के वारिस मजदूरों को पाप और जुल्म से लड़ने के लिए आगे आना होगा। श्रम पर जन्म से ही पड़ने वाली डकैती को रोकना होगा। मारने के लिए संयुक्त संघर्ष की जरूरत है। देश सहित पूरी दुनिया की राजनीति पूरी तरह से पागल हो चुकी है। न्याय और सत्य गायब हो चुके हैं। चारों तरफ आर्थिक और सामाजिक बुराइयों का बोलबाला है।
विदेशी अत्याचारी अपने देशवासियों से कहीं ज्यादा खतरनाक और लुटेरे साबित हुए हैं। कांपते पंजाबियों का खून न सिर्फ चूसा जा रहा है, बल्कि उसमें फूट का जहर घोला जा रहा है और उन्हें भाईचारे की जंग की ओर धकेला जा रहा है। पंजाबियों को जो भी नेता मिला, वह पूरी तरह से ठग और देशद्रोही मिला। डूबे हुए जहाजियों पर आंख मूंदकर भरोसा करके हम पंजाब की बर्बादी में भागीदार बन गए।
आज हम अपने देश और राज्य में अपमान का दंश झेल रहे हैं। पंजाब का इतिहास महान शहीदों के खून से लिखा गया, लेकिन आज हम देशद्रोही नेताओं को समय रहते श्रद्धांजलि न देने के कारण लंगड़ाते हुए घूम रहे हैं। आइए हम सब मिलकर जातिवाद और बुराइयों में डूब रहे युवाओं को बचाने का काम करें। आइए हम तन-मन-धन से उनकी हर तरह से मदद करें और डूबते पंजाब को बचाएं।
आइए हम सभी मतभेद भुलाकर अपनी राष्ट्रीय विरासत को बचाएं। हजारों कुर्बानियां देने के बावजूद हम देशद्रोही नेताओं की नाकारा हरकतों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। हम पंजाबी और भारतीय पहचान के साथ एक आत्मा हैं। लेकिन अगर कोई शासक झूठी नीति से हमारे गौरव और अस्तित्व को नष्ट करना चाहेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम देश की खुशहाली, शांति और भलाई के लिए राष्ट्र के हितैषी दशमेश पिता जी के आशीर्वाद से अपना सब कुछ कुर्बान करने के लिए तैयार हैं।
अपने पूर्वजों के पंजाब को जिंदा रखने के लिए हम खालसा पंथ की स्थापना के दिन जुल्म के खिलाफ लड़ने का ऐलान करते हैं और खालसा पंथ के रचयिता दशमेश पिता जी से अच्छे कर्म करने की शक्ति और बुद्धि मांगते हैं। देश और राज्य के शासकों को पंजाब के साथ एकजुट होना चाहिए। हम आपको चेतावनी भी देते हैं कि धक्का-मुक्की बंद करो वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा।
हमारे गुरुओं ने हमें सिखाया है कि हमें न तो जुल्म करना चाहिए और न ही जुल्म सहना चाहिए। हमें अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलकर देश और राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए।
