
ईशान कोण के वास्तु दोष किडनी फेलियर के लिए जिम्मेदार- डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री
होशियारपुर 7 अप्रैल- अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ एवं लेखक डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री ने कहा कि भवन के वास्तु दोष व्यक्ति को असाध्य रोगों का कारण बनते हैं। इस असाध्य रोग के कारण व्यक्ति को मृत्यु तुल्य कष्ट का सामना करना पड़ता है। किसी भी भवन के ईशान कोण में यदि गंभीर वास्तु दोष हो तो वहां से बीमारियां कभी दूर नहीं होती हैं।
होशियारपुर 7 अप्रैल- अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ एवं लेखक डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री ने कहा कि भवन के वास्तु दोष व्यक्ति को असाध्य रोगों का कारण बनते हैं। इस असाध्य रोग के कारण व्यक्ति को मृत्यु तुल्य कष्ट का सामना करना पड़ता है। किसी भी भवन के ईशान कोण में यदि गंभीर वास्तु दोष हो तो वहां से बीमारियां कभी दूर नहीं होती हैं।
ईशान कोण के वास्तु दोष से परिवार के सभी सदस्य प्रभावित होते हैं, लेकिन सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों को होती है। ईशान कोण का स्वामी बृहस्पति होता है। यदि ईशान कोण में कोई दोष होगा तो देव गुरु बृहस्पति का बुरा प्रभाव किडनी पर पड़ने लगेगा। यदि ईशान कोण के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व कोण में भी गंभीर वास्तु दोष होगा तो दैत्य गुरु शुक्राचार्य की भूमिका भी रोग उत्पन्न करने वाली हो जाएगी। शुक्र शुगर से संबंधित रोग देकर मानव जीवन को नरक बना देता है।
ईशान कोण का स्वामी छोटा राहु रोगों को लम्बा खींचने में माहिर होता है। साथ ही सफल इलाज में भी बाधक बनता है। इसके साथ ही यदि दक्षिण दिशा प्रदूषित हो तो दक्षिण का स्वामी मंगल किसी को शल्य चिकित्सा कराने के लिए मजबूर करेगा। यदि उत्तर दिशा के साथ-साथ वायव्य कोण भी प्रदूषित हो और ईशान भी दूषित हो तो स्त्री को किडनी फेलियर की समस्या भी हो सकती है, तो यहां यह कहावत सत्य है कि कुछ लोग वास्तु को नहीं जानते।
कुछ लोग जानबूझ कर इसका पालन नहीं करते। जो लोग इसका पालन नहीं करते, वे कभी चैन की नींद नहीं सो पाते। जो लोग वास्तु का पालन करते हैं और उसे सुधारते हैं, उनके घर में कभी बीमारी नहीं आती।
