
पैरा लीगल वालंटियरों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया
होशियारपुर- जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी दिलबाग सिंह जौहल के आदेशों पर सीजेएम-सह-सचिव, जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी राज पाल रावल ने जिला स्तर और सब-डिवीजन स्तर पर कार्यरत पैरा लीगल वालंटियरों को आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बुढ़ापा पेंशन, पैन कार्ड, राशन कार्ड और नीला कार्ड बनाने के बारे में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया।
होशियारपुर- जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी दिलबाग सिंह जौहल के आदेशों पर सीजेएम-सह-सचिव, जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी राज पाल रावल ने जिला स्तर और सब-डिवीजन स्तर पर कार्यरत पैरा लीगल वालंटियरों को आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बुढ़ापा पेंशन, पैन कार्ड, राशन कार्ड और नीला कार्ड बनाने के बारे में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया।
यह प्रशिक्षण डिप्टी कमिश्नर के सहयोग से सुविधा केंद्र के डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रदीप कुमार द्वारा दिया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य गांवों में खोले गए कानूनी सहायता क्लीनिकों में आने वाले ग्रामीणों को उपरोक्त प्रमाण बनाने के बारे में जागरूक करना था। इसके अलावा सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी ने पैरा लीगल वालंटियरों को बताया कि पंजाब के सभी जिला और सब-डिवीजन स्तर पर फ्रंट ऑफिस खोले गए हैं।
यदि कोई व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर न्यायालय में वाद दायर करना चाहता है तो प्राधिकरण द्वारा निशुल्क विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 में दी गई आठ श्रेणियों के अंतर्गत निशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें महिलाएं, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे, कैदी, प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़/भूकंप के पीड़ित/बेसहारा, मानसिक रूप से बीमार, औद्योगिक श्रमिक, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, ट्रांसजेंडर तथा प्रत्येक व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3 लाख से कम है, जैसी श्रेणियां शामिल हैं।
जिस व्यक्ति को प्राधिकरण द्वारा निशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है, उसके वाद की पैरवी के लिए नियुक्त वकील को प्राधिकरण द्वारा वाद शुल्क, न्यायालय शुल्क तथा गवाह व्यय एवं अन्य विविध व्ययों का भुगतान किया जाता है। साथ ही नालसा (मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों एवं बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों हेतु विधिक सेवाएं) योजना, 2024 तथा नालसा (बच्चों के लिए बाल मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं) योजना, 2024 के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत प्राधिकरण द्वारा बच्चों को विधिक सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं।
