वेटरनरी विश्वविद्यालय को कुत्तों के कृत्रिम गर्भाधान परियोजना के लिए प्राप्त हुआ 45 लाख रुपये का वित्त पोषण

लुधियाना 27 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना को प्रायोगिक शिक्षा परियोजना के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 45 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस राशि से विश्वविद्यालय का पशु चिकित्सा प्रसूति विभाग कुत्तों में कृत्रिम गर्भाधान परियोजना के तहत अनुसंधान और व्यावहारिक कार्य करेगा। विश्वविद्यालय के इस विभाग में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र भी है, जो पशु प्रजनन विषय पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रदान किया गया था।

लुधियाना 27 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना को प्रायोगिक शिक्षा परियोजना के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 45 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस राशि से विश्वविद्यालय का पशु चिकित्सा प्रसूति विभाग कुत्तों में कृत्रिम गर्भाधान परियोजना के तहत अनुसंधान और व्यावहारिक कार्य करेगा। विश्वविद्यालय के इस विभाग में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र भी है, जो पशु प्रजनन विषय पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रदान किया गया था।
विभागाध्यक्ष एवं इस परियोजना दल के नेता डॉ. मिरगांक होनपारखे ने बताया कि पालतू कुत्तों के मालिकों और इस क्षेत्र के पेशेवरों द्वारा विभिन्न अवसरों पर यह माँग रखी गई कि कुत्तों में बेहतर नस्ल के लिए कृत्रिम गर्भाधान की बहुत आवश्यकता है। इस विभाग ने इस कार्य के लिए पहले ही काफी अनुसंधान और मानकीकरण कर लिया है। इस धनराशि का उपयोग विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य बैंक की स्थापना के लिए किया जाएगा, जो देश में अपनी तरह का पहला बैंक होगा। यह बैंक प्रजनन प्रयोजनों के लिए सभी प्रकार के कुत्तों, सामान्य और विशेष, के वीर्य को संग्रहित करेगा।
डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने पूरी टीम को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि पशुधन और पालतू पशु मालिकों की सुविधा के लिए निरंतर सेवाएं विकसित की जाएंगी। इससे विद्यार्थियों का ज्ञान भी बढ़ेगा।
डॉ. संजीव कुमार उप्पल, डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज एवं इस परियोजना के मुख्य अधिकारी ने टीम को बधाई दी तथा कहा कि इस अनूठी परियोजना से न केवल विद्यार्थियों को नई जानकारी मिलेगी, बल्कि वे पालतू कुत्तों के कृत्रिम गर्भाधान का कौशल भी सीख सकेंगे।