
गार्डों ने रिश्वत के बल पर बिस्त दोआब नहर के किनारे हरे पेड़ों के ढेर लगाकर पेड़ों को नुकसान पहुंचाया, जबकि अधिकारी सो रहे थे।
होशियारपुर- लेबर पार्टी के अध्यक्ष जय गोपाल धीमान ने मेहटियाना के पास बिस्त दोआब नहर के किनारे विभाग के गार्डों व अन्य अधिकारियों की लापरवाही के कारण जानबूझ कर पेड़ों को उखाड़ने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वन विभाग की जिम्मेदारी हरियाली पैदा करना व बनाए रखना तथा पेड़ों की देखभाल करना है ताकि पर्यावरण में संतुलन बना रहे।
होशियारपुर- लेबर पार्टी के अध्यक्ष जय गोपाल धीमान ने मेहटियाना के पास बिस्त दोआब नहर के किनारे विभाग के गार्डों व अन्य अधिकारियों की लापरवाही के कारण जानबूझ कर पेड़ों को उखाड़ने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वन विभाग की जिम्मेदारी हरियाली पैदा करना व बनाए रखना तथा पेड़ों की देखभाल करना है ताकि पर्यावरण में संतुलन बना रहे।
धीमान ने कहा कि एक समय था जब वन विभाग के अधिकारी व गार्ड अपनी ड्यूटी सख्ती से निभाते थे और नहर के दोनों ओर हरे-भरे पेड़ नजर आते थे तथा विभाग पूरी तरह से पेड़ों के प्रति समर्पित था। लेकिन अब विभाग में भ्रष्टाचार के कारण वन संरक्षक अपनी जेबें भरने के लिए पेड़ों को कटवा रहे हैं, जो बहुत दुखद है। उन्होंने कहा कि वन विभाग को गार्डों की मदद से नहर के किनारे पेड़ लगाकर उनकी सुरक्षा करनी थी। वहां, गार्डों और उनके सहयोगियों द्वारा हरे पेड़ों पर गोबर के ढेर लगाने की अनुमति देने के कारण बड़ी संख्या में हरे पेड़ सूख गए।
धीमान ने कहा कि वन अधिनियम के अनुसार किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। यदि विभाग इसी तरह पेड़ों को उखाड़ता रहा तो पंजाब को राजस्थान बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाही और भ्रष्टाचार उस समय बढ़ रहा है जब ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरी दुनिया में बड़े-बड़े सम्मेलन हो रहे हैं और हमारे पंजाब में वन विभाग भी राजनेता की तरह पटाखे छुड़ा रहा है।
पेड़ों के महत्व को जानने की सख्त जरूरत है। ये पेड़ मनुष्य को स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। वे ऐसा करते हैं, वे पक्षियों को आश्रय देते हैं, वे पृथ्वी को बचाते हैं, वे पृथ्वी पर कार्बन उत्सर्जन को रोकते हैं और वे पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं। हालांकि विभाग के कुछ जिम्मेदार कर्मचारी अपनी जेबें भरते हुए, अपने पैरों पर भी हाथ मारते हैं और पक्षियों व मानवता के कार्य को बढ़ावा भी दे रहे हैं।
स्थिति इतनी गंभीर होती जा रही है कि आज बाड़ ही खेत को खाने लगी है। लेकिन यहां इतना ही काफी नहीं है, नहर के किनारे कई पेड़ गिरे हुए हैं जो सूख चुके हैं और गार्डों की लापरवाही के कारण चोरी हो रहे हैं।
धीमान ने कहा कि विभाग की मिलीभगत से कई लोगों ने नहर के किनारे अवैध कब्जे कर लिए हैं और पेड़ों को उखाड़ दिया है। विभाग की लापरवाही के कारण पहले की तुलना में पेड़ों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इसके कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है, घर-घर बीमारियाँ फैल रही हैं और अस्पताल लोगों से भर रहे हैं।
जब गार्ड साइकिल पर ड्यूटी देते थे, उस समय पेड़ों की संख्या स्थिर थी और नहर के किनारे हरियाली थी - लेकिन अब जब गार्ड वाहनों पर घूमने जाते हैं, तो पेड़ उखड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारें ईमानदार थीं और अब इसके विपरीत वे आलसी हो गई हैं।
धीमान ने मुख्य वन संरक्षण अधिकारी चंडीगढ़ को फोटो सहित शिकायत भेजकर मांग की है कि कोई भी कर्मचारी व अधिकारी वर्दी नहीं पहनता है तथा नहर पर हरियाली पैदा करने की बजाय पेड़ों को नष्ट कर रहा है, ऐसे में उनका तुरंत तबादला किया जाए तथा मेहटियाना में गार्ड कार्यालय बनाया जाए।
