लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने पंजाब में फसल विविधीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की

होशियारपुर- लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने आज सदन में किसानों के मुद्दे उठाते हुए राज्य में फसल विविधीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की। संसद में किसानों के मुद्दों पर बोलते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने राज्य में किसान वर्ग की मौजूदा स्थिति पर प्रकाश डाला और केंद्र सरकार से देश के विकास में किसानों के बड़े योगदान को नजरअंदाज न करने की अपील की।

होशियारपुर- लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने आज सदन में किसानों के मुद्दे उठाते हुए राज्य में फसल विविधीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की। संसद में किसानों के मुद्दों पर बोलते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने राज्य में किसान वर्ग की मौजूदा स्थिति पर प्रकाश डाला और केंद्र सरकार से देश के विकास में किसानों के बड़े योगदान को नजरअंदाज न करने की अपील की। 
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान देशभर में आंदोलन करने को मजबूर हैं, इसलिए केंद्र को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि पंजाब में मात्र 3 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि (42 लाख हेक्टेयर) है, इसके बावजूद राज्य केंद्रीय पूल में कुल गेहूं उत्पादन का 18 प्रतिशत, चावल में 11 प्रतिशत तथा कपास में 4 प्रतिशत योगदान देता है। 
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पहले ही देश के गन्ना उत्पादकों को गन्ने का सबसे अधिक मूल्य दे रही है तथा राज्य के गन्ना उत्पादकों को सबसे अधिक राज्य सहमत मूल्य (एसएपी) यानि 400 रुपये से अधिक दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में अन्य फसलों के साथ-साथ मक्के की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है तथा धान की सीधी बिजाई तकनीक अपनाने वाले किसानों को राज्य सरकार 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता भी दे रही है। 
सांसद डॉ. चब्बेवाल ने अपील की कि राज्य सरकार धान व गेहूं की परंपरागत बिजाई से हटकर फसल विविधीकरण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है तथा केंद्र को इस उद्देश्य के लिए 20,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देकर राज्य के प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम और हरित क्रांति में पंजाबियों के योगदान का जिक्र करते हुए डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब हमेशा अग्रणी रहा है। 
अन्य फसलों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करते हुए डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि कृषि परिस्थितियों में बदलाव और खेती तथा मशीनरी की कीमतों में वृद्धि के कारण देश के किसान कई चुनौतियों और समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए केंद्र को किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए, खासकर मुश्किल समय में।