
डीटीएफ ने 25 मार्च को विधानसभा कूच की तैयारी के लिए बैठक की
गढ़शंकर, 19 मार्च- पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त फ्रंट द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 25 मार्च को मोहाली में महारैली करने के बाद डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट द्वारा पंजाब विधानसभा कूच की तैयारियों को लेकर ब्लॉक प्रधान विनय कुमार और प्रदीप सिंह की अध्यक्षता में गांधी पार्क में बैठक की गई।
गढ़शंकर, 19 मार्च- पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त फ्रंट द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 25 मार्च को मोहाली में महारैली करने के बाद डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट द्वारा पंजाब विधानसभा कूच की तैयारियों को लेकर ब्लॉक प्रधान विनय कुमार और प्रदीप सिंह की अध्यक्षता में गांधी पार्क में बैठक की गई।
इस अवसर पर डीटीएफ के जिला प्रधान सुखदेव डांसवाल और मनजीत सिंह बंगा ने कहा कि पंजाब सरकार ने अभी तक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया है और छठे वेतन आयोग का बाकी बचा दूसरा हिस्सा ठंडे बस्ते में पड़ा है, जबकि केंद्र सरकार ने आठवां वेतन आयोग स्थापित कर दिया है।
डीटीएफ नेता जगदीप कुमार और जरनैल सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के अपने वादे से भाग गई है और अब इसे केंद्र सरकार के साथ जोड़ रही है। कैजुअल कर्मचारियों को स्थायी करने की बजाय उनके वेतन में मामूली वृद्धि करके धोखा दिया है। किसी भी स्थायी कर्मचारी को कोई लाभ नहीं दिया गया है। मिड-डे मील वर्कर, आशा वर्कर व फैसिलिटेटर, आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर का मानदेय दोगुना करने के वादे से सरकार भाग गई है।
ग्रामीण भत्ता व बॉर्डर एरिया भत्ता समेत बाकी भत्ते फ्रीज कर दिए गए हैं। वेतन आयोग के 5 साल 6 महीने के एरियर को एकमुश्त देने की बजाय 42 व 36 महीने में भुगतान करने की खोखली नीति अपनाई जा रही है। केंद्र से 13 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता देकर इसे डी-लिंक किया जा रहा है और दूसरी तरफ, आईएएस अधिकारियों को सब कुछ दिया जा रहा है, कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते की किश्तों का बकाया दबा हुआ है|
01.01.2016 को वेतन और पेंशन तय करते समय जो 125% महंगाई भत्ता बनता था, उसे आधार नहीं माना जा रहा है, कर्मचारियों को मिल रहे ग्रामीण भत्ते सहित सभी भत्ते संशोधन के नाम पर बंद किए जा रहे हैं, प्रोबेशन पीरियड के नाम पर तीन साल तक बेसिक वेतन देकर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है, 17 जुलाई 2020 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर जबरन केंद्रीय वेतनमान थोपा गया है और विकास के नाम पर कर्मचारियों और अब पेंशनरों से भी 200 रुपये रिश्वत के तौर पर वसूले जा रहे हैं।
इन जायज मांगों को पूरा करने के लिए पंजाब के सभी कर्मचारी 25 मार्च को मोहाली में एक विशाल रैली करेंगे और उसके बाद पंजाब विधानसभा की ओर मार्च करेंगे जिसमें तहसील गढ़शंकर से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को शामिल करने का फैसला किया गया है।
इस अवसर पर डीटीएफ के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जरनैल सिंह, जसविंदर सिंह, हरपिंदर सिंह, हरबंस लाल, गुरप्रीत सिंह, जसविंदर सिंह, सतपाल कलेर, हंस राज गरशंकर तथा 4161 मास्टर कैडर अध्यापक संघ के राज्य नेता संदीप सिंह गिल तथा बलकार सिंह मंगणियां आदि भी उपस्थित थे।
