सामुदायिक शिक्षा एवं विकलांगता अध्ययन विभाग ने ‘शिक्षण शिक्षण में नैतिक विचार’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की

चंडीगढ़, 18 मार्च, 2025- सामुदायिक शिक्षा एवं विकलांगता अध्ययन विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय ने ‘शिक्षण शिक्षण में नैतिक विचार’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की। वक्ता डॉ. महाबीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर, किरोड़ीमल कॉलेज ऑफ एजुकेशन भिवानी, (हरियाणा) ने शिक्षण में नैतिकता के महत्व के साथ व्याख्यान की शुरुआत की।

चंडीगढ़, 18 मार्च, 2025- सामुदायिक शिक्षा एवं विकलांगता अध्ययन विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय ने ‘शिक्षण शिक्षण में नैतिक विचार’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की।
वक्ता डॉ. महाबीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर, किरोड़ीमल कॉलेज ऑफ एजुकेशन भिवानी, (हरियाणा) ने शिक्षण में नैतिकता के महत्व के साथ व्याख्यान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि शिक्षण के लक्ष्यों को केवल छात्र-शिक्षकों में नैतिक मूल्यों और नैतिकता को बढ़ावा देकर ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने शिक्षण में नैतिकता के प्रमुख घटकों; शिक्षकों का प्रशिक्षण, सहायक वातावरण, समान अवसर, पूर्ण भागीदारी और वांछनीय नैतिक परिवर्तन प्राप्त करने के लिए प्रशासन की भागीदारी के बारे में बताया। 
उन्होंने छात्र-शिक्षकों की मूल्य आधारित शिक्षा के तरीकों और सिद्धांतों से भी परिचित कराया। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रभावी शिक्षक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए, प्रतिभागियों में नैतिकता और नैतिक योग्यता विकसित करना अनिवार्य है। इससे पहले विभाग के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद सैफुर रहमान ने स्वागत भाषण दिया और विशेष शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षाशास्त्र में नैतिकता की भूमिका और इसके नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया। 
सेमिनार में संकाय सदस्य श्री नितिन राज, श्री सतप्रकाश और श्री तौकीर आलम मौजूद थे। अंत में श्री नितिन राज ने धन्यवाद ज्ञापन किया।