श्री आनंदपुर साहिब-गढ़शंकर सड़क के निर्माण कार्य से संगत को बड़ी राहत मिलेगी- बाबा महेंद्र सिंह यूके

सरोआ-किला आनंदगढ़ साहिब के मुख्य सेवक संत बाबा सुच्चा सिंह और संत बाबा सतनाम सिंह के नेतृत्व में चल रही श्री गुरु तेग बहादुर मार्ग श्री आनंदपुर साहिब-गढ़शंकर सड़क की कार सेवा में निष्काम सेवक जत्था यूके के अध्यक्ष बाबा महेंद्र सिंह यूके विशेष रूप से कार्य स्थल पर पहुंचे। उन्होंने संतों द्वारा किए जा रहे इस अनूठे कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री आनंदपुर साहिब-गढ़शंकर का निर्माण कार्य शुरू होने से संगत की दशकों पुरानी मांग पूरी होगी और लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

सरोआ-किला आनंदगढ़ साहिब के मुख्य सेवक संत बाबा सुच्चा सिंह और संत बाबा सतनाम सिंह के नेतृत्व में चल रही श्री गुरु तेग बहादुर मार्ग श्री आनंदपुर साहिब-गढ़शंकर सड़क की कार सेवा में निष्काम सेवक जत्था यूके के अध्यक्ष बाबा महेंद्र सिंह यूके विशेष रूप से कार्य स्थल पर पहुंचे। उन्होंने संतों द्वारा किए जा रहे इस अनूठे कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री आनंदपुर साहिब-गढ़शंकर का निर्माण कार्य शुरू होने से संगत की दशकों पुरानी मांग पूरी होगी और लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी। 
बाबा महेंद्र सिंह यूके वाले ने आगे कहा कि हर साल होला-मोहल्ला पर्व के अवसर पर पंजाब के करीब 16 जिलों से संगत इसी सड़क से होकर श्री आनंदपुर साहिब पहुंचती है। लेकिन लंबे समय से समय-समय पर सरकारों ने इस सड़क को बनाने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए। अब संगत की मुश्किलों को देखते हुए कार सेवा संप्रदाय ने अपने स्तर पर जो प्रयास शुरू किए हैं, वह सराहनीय कदम हैं। 
इस मौके पर उन्होंने संगत से अपील की कि वे सेवा के इस कुंभ में अपना योगदान जरूर दें। इस मौके पर संत बाबा सतनाम सिंह ने कहा कि उन्होंने 16 फरवरी 2024 को इस सड़क की मरम्मत का काम शुरू करवाया था और एक साल में काहनपुर खूही से कुक्कड़ मजारा तक इस सड़क का आधे से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। नवंबर 2025 तक श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें प्रकाशोत्सव तक यह सड़क तैयार होकर संगत को समर्पित कर दी जाएगी। 
इस मौके पर इलाके के प्रसिद्ध समाजसेवी सरदार दलजीत सिंह बैंस ने बताया कि सड़क के जीर्णोद्धार कार्य को देखकर संगत खुश है और संतों की लंबी उम्र की अरदास भी कर रही है। इस अवसर पर उन्होंने संगत से इस महान कार्य में अधिक से अधिक सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि यह सड़क गुरु घर को जाती है, इसलिए संगत को अपना दशांश अवश्य देना चाहिए। 
दलजीत सिंह बैंस ने सेवादारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सभी लोग निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं तथा तन-मन-धन से अपना योगदान देकर अपना जीवन सफल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संतों ने ऐतिहासिक गुरु घरों को जाने वाली सड़क की बेहद खराब हालत को सुधार कर इतिहास भी रचा है। जो लोगों के जेहन में हमेशा के लिए बसा रहेगा। 
इस अवसर पर ठेकेदार मनजिंदर सिंह अटवाल मजारी, डॉ. गुरमेल सिंह करियाल, हीरा सिंह पन्नू, मनप्रीत सिंह जग्गा, निर्मल सिंह, विरसा सिंह शाह, सिमरन सिंह वड़ैच, चरण सिंह, बाबा हरजाप सिंह, बाबा साहिब सिंह व हरपाल सिंह पाली आदि भी मौजूद थे।