ऐतिहासिक बेगमपुरा डमरी शोभा यात्रा के लिए 4 अप्रैल को जालंधर से हरिद्वार के लिए चलेगी विशेष रेलगाड़ी - संत सरवन दास, संत निर्मल दास

होशियारपुर- सतगुरु रविदास महाराज जी के 648वें प्रकाश पर्व की खुशी में 4 से 6 अप्रैल तक जालंधर से हरिद्वार के लिए भव्य ऐतिहासिक बेगमपुरा डमरी शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा के साथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जालंधर रेलवे स्टेशन से विशेष रेलगाड़ी चलेगी।

होशियारपुर- सतगुरु रविदास महाराज जी के 648वें प्रकाश पर्व की खुशी में 4 से 6 अप्रैल तक जालंधर से हरिद्वार के लिए भव्य ऐतिहासिक बेगमपुरा डमरी शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा के साथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जालंधर रेलवे स्टेशन से विशेष रेलगाड़ी चलेगी। 
इस संबंध में प्रेस को जानकारी देते हुए संत सरवन दास चेयरमैन गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी (रजि.) पंजाब, संत निर्मल दास बाबजौड़े अध्यक्ष, संत इंदर दास सेखाई महासचिव ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी ऐतिहासिक बेगमपुरा डमरी शोभा यात्रा 4 अप्रैल 2025 को धूमधाम से शुरू होगी। जालंधर रेलवे स्टेशन से एक विशेष रेलगाड़ी दोपहर 2 बजे रवाना होगी और फगवाड़ा, फिल्लौर, लुधियाना व विभिन्न स्टेशनों से होते हुए निर्मला छावनी आश्रम हरिद्वार पहुंचेगी। 
उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को गुरु रविदास आश्रम से श्री रविदास मंदिर हर की पौड़ी हरिद्वार तक पैदल शोभायात्रा निकाली जाएगी। संतों ने बताया कि 6 अप्रैल को श्री अखंड पाठ के भोग के बाद कीर्तन दीवान का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रागी जत्था, गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी व विभिन्न संप्रदायों के संत कथा कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल करेंगे। उन्होंने संगत से अनुरोध किया कि वे 4 अप्रैल को दोपहर 12 बजे जालंधर रेलवे स्टेशन पर पहुंचें।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष संत सरवन दास सलेमटावरी, उपाध्यक्ष संत बलवंत सिंह डिंगरियन, संत परमजीत दास कैशियर, महंत परषोत्तम लाल चक हकीम, संत धर्मपाल स्टेज सचिव, संत रमेश दास डेरा कलरां शेरपुर, संत जागीर सिंह सरबत दा भला आश्रम नंदाचौर, संत राम सेवक हरिपुर खालसा, संत किरपाल दास भारटा, संत मंजीत दास हिमाचल, संत कुलदीप दास बस्सी मारूफ, संत मंजीत दास विच्छोही, संत बीबी कुलदीप कौर मेहना, बहन संतोष कुमारी बिल्डिंग इंचार्ज, संत संतोख दास सहरी, संत राम सरूप ज्ञानी न्यू रतनपुरी जेजों, संत विनय मुनि जम्मू, संत शिंगारा दास भोगपुर, संत बलकार सिंह वडाला, संत गुरुमीत दास, संत परमेश्वरी दास सेखई, लवप्रीत बोहन, ज्ञानी रविंदर सिंह हरमोय, ज्ञानी दलजीत सिंह भी उपस्थित थे।