"हमारे पास जितना है, उससे अधिक यहाँ छोड़ कर जाएं": श्री. अनिरुद्ध तिवारी, आईएएस

चंडीगढ़ : 15 मार्च, 2024 : सेंटर ऑफ मैनेजमेंट एंड ह्यूमैनिटीज (सीएमएच), पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने "इनोवेटिव मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज इन बिजनेस : ए पाथ टूवर्ड्स सस्टेनेबिलिटी (आईएमएसबी 2024)" विषय पर 15 से 16 मार्च 2024 तक दो दिवसीय आईसीएसएसआर द्वारा स्पॉन्सर्ड नेशनल सेमिनार की शुरुआत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री. अनिरुद्ध तिवारी जी, आईएएस, (महानिदेशक, महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब), रिसोर्स पर्सन डॉ. रजत अग्रवाल जी के साथ निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) बलदेव सेतिया जी, प्रोफेसर अंजू सिंगला (प्रमुख, सीएमएच) और डॉ. निधि तंवर (आयोजन सचिव) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस सेमिनार का उद्देश्य ट्रांस्फॉर्मटिव चेंज (परिवर्तन) को बढ़ावा देने के लिए शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योगपतियों के लिए एक अंतःविषय का मंच प्रदान करना है।

चंडीगढ़ : 15 मार्च, 2024 : सेंटर ऑफ मैनेजमेंट एंड ह्यूमैनिटीज (सीएमएच), पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने "इनोवेटिव मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज इन बिजनेस : ए पाथ टूवर्ड्स सस्टेनेबिलिटी (आईएमएसबी 2024)" विषय पर 15 से 16 मार्च 2024 तक दो दिवसीय आईसीएसएसआर द्वारा स्पॉन्सर्ड नेशनल सेमिनार की शुरुआत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री. अनिरुद्ध तिवारी जी, आईएएस, (महानिदेशक, महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब), रिसोर्स पर्सन डॉ. रजत अग्रवाल जी के साथ निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) बलदेव सेतिया जी, प्रोफेसर अंजू सिंगला (प्रमुख, सीएमएच) और डॉ. निधि तंवर (आयोजन सचिव) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस सेमिनार का उद्देश्य ट्रांस्फॉर्मटिव चेंज (परिवर्तन) को बढ़ावा देने के लिए शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योगपतियों के लिए एक अंतःविषय का मंच प्रदान करना है।

सीएमएच की हेड डॉ. अंजू सिंगला ने सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री अनिरुद्ध तिवारी (आईएएस), डायरेक्टर जनरल, महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब उनके साथ ही प्रोफेसर बलदेव सेतिया जी, डायरेक्टर, PEC चंडीगढ़ का पैट्रन के रूप में का स्वागत किया। उन्होंने औपचारिक रूप से प्रतिष्ठित सभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने सम्मेलन के उद्देश्यों को रेखांकित किया और फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स/ओबी, ऑपरेशन्स, सप्लाई चेन्स और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे सभी क्षेत्रों में स्थिरता और पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं के महत्व पर विचार-विमर्श किया और बताया कि यह कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने ये भी कहा कि यह सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन के बीच की गतिशीलता को समझने के लिए ज़रूरी है।

प्रोफेसर बलदेव सेतिया जी, निदेशक PEC, चंडीगढ़ ने प्रतिभागियों को अपने संबोधन में दर्शकों को पीईसी के विकास की यात्रा और समय के साथ इसमें आए बदलाव के बारे में बताया। उन्होंने सम्मेलन के आयोजन और विभिन्न पेपर्स की प्रेसेंटेशन्स के माध्यम से छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग, उद्यमशीलता की भावना, नेतृत्व कौशल और संचार कौशल को बढ़ावा देने के लिए प्रबंधन और मानविकी केंद्र के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आधुनिक व्यावसायिक परिदृश्य की जटिलताओं से निपटने के लिए बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन - बिजनेस और डेटा एनालिटिक्स में मास्टर डिग्री शुरू करने के लिए सेंटर को बधाई दी। डॉ. सेतिया ने आगे उल्लेख किया, कि इनोवेशन हमेशा से ही प्रगति की आधारशिला रहा है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा "इनोवेटिव मैनेजमेंट स्ट्रैटेजीज़ इन बिजनेस: ए पाथ टुवार्ड्स सस्टेनेबिलिटी (आईएमएसबी 2024)" नामक संपादित पुस्तक का भी विमोचन किया गया। पुस्तक में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में नवीनतम अंतर्दृष्टि और अत्याधुनिक शोध को शामिल किया गया है, जिसमें सम्मानित विद्वानों और अभ्यासकर्ताओं के योगदान भी शामिल हैं।

मुख्य वक्ता- डॉ. रजत अग्रवाल, प्रमुख और प्रोफेसर, प्रबंधन अध्ययन विभाग, आईआईटी रूड़की, ने डेवलपमेंट और सस्टेनेबिलिटी के बीच चयन करने का विकल्प मिलने पर सामने आने वाली दुविधा पर अपने विचार साझा किए और बताया कि कैसे हम अक्सर स्थिरता से समझौता करते हैं और विकास को चुनते हैं। इसलिए, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी पर एक सम्मेलन आयोजित करने का विचार पथप्रदर्शक है, क्योंकि विकास को टिकाऊ होना आवश्यक है। उन्होंने प्रबंधन में स्थिरता का अभ्यास करने के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली से सबक लेने का विचार भी सामने रखा।

इसके अलावा, मुख्य अतिथि, डॉ. अनिरुद्ध तिवारी, महानिदेशक, एमजीएसआईपीए, पंजाब ने सम्मेलन के कीवर्ड यानी स्ट्रेटेजी, मैनेजमेंट, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने आगे सतत विकास लाने के लिए कॉर्पोरेट द्वारा अपनाए गए ईएसजी का हवाला दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि कॉर्पोरेट क्षेत्र जानते हैं कि पर्यावरण अब एक साझा जिम्मेदारी है और वे अलग-अलग काम नहीं कर सकते हैं। निगम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी, अपने कर्मचारियों, विक्रेताओं और उन समुदायों के प्रति जिम्मेदारी पर ध्यान देते हैं जिनका वे हिस्सा हैं। अंत में, उन्होंने उल्लेख किया कि कॉरपोरेट्स को शासन कानून का पालन करने की आवश्यकता है। कानून का पालन तो करना ही पड़ता है, चाहे आप इसे पसंद करें या नापसंद करें। उन्होंने आगे कहा कि यद्यपि विकास और स्थिरता अलग-अलग दिशाओं में आगे बढ़ती है, जहां हमारे सामने जलवायु परिवर्तन, अभूतपूर्व व्यवधान, युद्ध और प्रौद्योगिकी से संबंधित चुनौतियां हैं, लेकिन हम अभी भी इन बाधाओं पर काबू पा सकते हैं ताकि "हमारे पास जितना है, उससे अधिक यहाँ छोड़ कर जाएं।"

डॉ. सचिन गुलाटी, निदेशक ग्लोबल टैलेन एक्विजिशन, हेड ऑफ इंडिया कैंपस रिक्रूटमेंट, अमेरिकन एक्सप्रेस ने अमेरिकन एक्सप्रेस में सहकर्मी मूल्य प्रस्ताव विषय पर प्रतिभागियों के साथ बातचीत की। दो दिनों में छह विषयों अर्थात् वित्त में नवाचार और स्थिरता, एचआरएम/ओबी और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, विपणन और उद्यमिता, सूचना प्रौद्योगिकी और हालिया रुझान पर सत्र आयोजित किए गए। प्रत्येक सत्र की अध्यक्षता विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों/विश्वविद्यालयों के अनुभवी शिक्षाविदों द्वारा की गई। इस सम्मेलन में उत्तर पश्चिम भारत के विश्वविद्यालयों से 85 प्रतिभागियों ने भाग लिया।