वेटरनरी यूनिवर्सिटी ने पंजाब के घोड़ा पालकों को एक मंच पर लाने की पहल की

लुधियाना 10 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ,वाइस चांसलर के मार्गदर्शन में घोड़ा पालकों की एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य घोड़ों की नस्ल में सुधार करना और घोड़ों से संबंधित खेलों को बढ़ावा देना था। राज्य भर से लगभग 40 घोड़ा प्रजनकों ने इसमें भाग लिया और अपने विचार साझा किए।

लुधियाना 10 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ,वाइस चांसलर के मार्गदर्शन में घोड़ा पालकों की एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य घोड़ों की नस्ल में सुधार करना और घोड़ों से संबंधित खेलों को बढ़ावा देना था। राज्य भर से लगभग 40 घोड़ा प्रजनकों ने इसमें भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
डॉ गिल ने इस प्रयास के लिए घोड़ा प्रजनकों और वैज्ञानिकों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि घोड़ा पालन हमारी समृद्ध विरासत का हिस्सा है, जो मनोरंजन और आय दोनों प्रदान करता है। घोड़ों के वैज्ञानिक प्रजनन से उनके प्रदर्शन स्तर में सुधार हो सकता है। किसान, विश्वविद्यालय और पशुपालन विभाग, पंजाब तकनीकी सहयोग के माध्यम से अभूतपूर्व योगदान दे सकते हैं।
इस बैठक में डॉ. रविन्द्र सिंह ग्रेवाल, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि पंजाब में पैदा की गई घोड़ों की नस्लें पूरे देश में पहचानी जाती हैं। उन्होंने कहा कि हमें डेयरी क्षेत्र की तरह इस क्षेत्र में भी राज्य को अग्रणी बनाना होगा।
डॉ स्वर्ण सिंह रंधावा, डीन, वेटरनरी साइंस कॉलेज ने बेहतर प्रजनन के लिए घोड़ों के स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह मूलभूत पहलू है जो घोड़ों के प्रजनन और नस्ल में सुधार करता है। डॉ अरुण आनंद ने घोड़ों के उपचार के लिए विश्वविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं पर प्रकाश डाला। डॉ यशपाल सिंह ने घोड़ों की नस्ल सुधारने के लिए चयन एवं पहचान विधियों के बारे में जानकारी दी। डॉ प्रभजिंदर सिंह और डॉ. अरुणबीर सिंह ने घोड़ा पालकों की सोसायटी के गठन के लाभ और भविष्य के अवसरों पर एक प्रस्तुति दी।