
दोआबा साहित्य सभा (रजि.) गढ़शंकर की मासिक बैठक आयोजित की गई।
गढ़शंकर- दोआबा साहित्य सभा रजिस्टर्ड गढ़शंकर की मासिक बैठक सभा के कार्यालय मेजर सिंह मौजी मेमोरियल लाइब्रेरी गांधी पार्क गढ़शंकर में सभा के अध्यक्ष डॉ. बिक्कर सिंह प्रिंसिपल की अध्यक्षता में हुई। बैठक की कार्यवाही प्रेस को जारी करते हुए सभा के महासचिव श्री पवन कुमार भामियां ने बताया कि बैठक के आरंभ में सभा के दिवंगत सदस्य साहित्यकार ओम प्रकाश साहू जी को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
गढ़शंकर- दोआबा साहित्य सभा रजिस्टर्ड गढ़शंकर की मासिक बैठक सभा के कार्यालय मेजर सिंह मौजी मेमोरियल लाइब्रेरी गांधी पार्क गढ़शंकर में सभा के अध्यक्ष डॉ. बिक्कर सिंह प्रिंसिपल की अध्यक्षता में हुई। बैठक की कार्यवाही प्रेस को जारी करते हुए सभा के महासचिव श्री पवन कुमार भामियां ने बताया कि बैठक के आरंभ में सभा के दिवंगत सदस्य साहित्यकार ओम प्रकाश साहू जी को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
बैठक में सभा के वार्षिक समारोह पर चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि सभा का वार्षिक समारोह 30 मार्च 2025 रविवार को आयोजित किया जाएगा। सभा द्वारा दिए जाने वाले स्मारक पुरस्कारों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। सोसायटी द्वारा दिए जाने वाले मेजर सिंह मौजी मेमोरियल पुरस्कार से प्रसिद्ध साहित्यकार एवं केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा (सेखों) के महासचिव प्रो. संधू वरयानवी को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रिंसिपल सुजान सिंह मेमोरियल अवार्ड प्रख्यात कथाकार प्रो. बलबीर कौर रीहल को, उस्ताद उल्फत बाजवा मेमोरियल अवार्ड श्री सतपाल साहलों को तथा सभा के सदस्यों में सबसे उत्साही का विशेष पुरस्कार सभा के वरिष्ठ सदस्य एवं लेखक तारा सिंह छेड़ा को दिया जाएगा।
पंजाब भाषा विभाग ने सभा के सदस्य प्रो. जेबी सेखों को सर्वश्रेष्ठ संपादित पुस्तक की श्रेणी में प्रिंसिपल तेजा सिंह पुरस्कार दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा निर्णय लिया गया कि समारोह के दौरान उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा। सभा में उपस्थित सभी सदस्यों ने कार्यवाही में उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा कार्यक्रम की सफलता के लिए बहुत ही रचनात्मक सुझाव दिए।
चर्चा के बाद आज का कवि दरबार अमरीक हमराज जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें सभा के महासचिव पवन कुमार भामियां सहित संतोख वीर जी, अमरीक हमराज, रणवीर बब्बर, बलवीर खानपुरी, सरवन सिद्धू, मुकेश गुजराती, नंबरदार जोगा सिंह भामियां व तरसेम भामियां ने बिगड़ती अर्थव्यवस्था व राजनीतिक व सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करते हुए अपने विचार व रचनाएं प्रस्तुत की।
