पंजाबी विभाग द्वारा ‘प्रीत पेंदे’ पुस्तक संवाद कार्यक्रम का आयोजन

माहिलपुर, 8 मार्च - श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज माहिलपुर के पोस्ट ग्रेजुएट पंजाबी विभाग द्वारा यहां प्रो. अपिंदर सिंह माहिलपुरी द्वारा गुरमत चिंतन पर लिखी पुस्तक 'प्रीत पेंदे' पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अकाली नेता जतिंदर सिंह लाली बाजवा, प्रो. डॉ. अमनदीप हीरा, पूर्व डीजीपी (सीआरपीएफ) दविंदर सिंह राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता श्री दीपक बाली ने की।

माहिलपुर, 8 मार्च - श्री गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज माहिलपुर के पोस्ट ग्रेजुएट पंजाबी विभाग द्वारा यहां प्रो. अपिंदर सिंह माहिलपुरी द्वारा गुरमत चिंतन पर लिखी पुस्तक 'प्रीत पेंदे' पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अकाली नेता जतिंदर सिंह लाली बाजवा, प्रो. डॉ. अमनदीप हीरा, पूर्व डीजीपी (सीआरपीएफ) दविंदर सिंह राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता श्री दीपक बाली ने की।
समारोह के आरंभ में संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने शबद गायन किया। कॉलेज प्राचार्य डॉ. परविंदर सिंह ने स्वागत भाषण दिया और विद्यार्थियों को पुस्तक संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। समारोह में 'प्रीत पेंदे' पुस्तक पर शोधपत्र प्रस्तुत करते हुए प्रो. डॉ. भूपिंदर कौर कविता ने गुरमत चिंतन के संदर्भ में इस पुस्तक की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने पुस्तक के विषय और कलात्मक पहलू पर अपने विचार व्यक्त किए और इसे सभी स्तर के पाठकों के लिए उपयोगी बताया।
प्रो. डॉ. अमनदीप हीरा ने पुस्तक संस्कृति की आवश्यकता पर बल दिया और छात्रों को ऐसी पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जो उन्हें सिख धर्म और विरासत से जोड़ती हों। बाल साहित्य लेखक बलजिंदर मान ने कॉलेज में गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्किल की स्थापना से जुड़े दिनों को याद किया और स्टडी सर्किल में प्रोफेसर उपिंदर सिंह की भूमिका के बारे में जानकारी साझा की।
मुख्य अतिथि जतिंदर सिंह लाली बाजवा ने इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी तथा उपस्थित विद्यार्थियों को ऐसी पुस्तकों के माध्यम से गुरमत विचारधारा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। समारोह में अपने अध्यक्षता भाषण में दीपक बाली ने कॉलेज से जुड़े विद्यार्थी जीवन को याद किया तथा पुस्तक ‘प्रीत पेंदे’ को विद्यार्थियों में नैतिकता और अच्छे विचारों का संचार करने वाली कृति बताया।
लेखक प्रो. अपिंदर सिंह ने अपने अध्ययन और इस पुस्तक के निर्माण के पीछे प्रेरणा का प्रमुख स्रोत गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्किल की गतिविधियों को बताया। पुस्तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने प्रश्नों के उत्तर दिए तथा गुरमत के सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित हुए। अमितोज सिंह माहिलपुरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच की कार्यवाही का संचालन पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. जे.बी. सेखों ने किया।
इस अवसर पर सिख एजुकेशनल काउंसिल के पदाधिकारी विरिंदर शर्मा, सुरिंदर शर्मा, दविंदर सिंह बैंस, दलजीत सिंह बैंस, सेवक सिंह बैंस, प्रो. डॉ. रोहतांस, प्रो. शिबू मैथ्यू, डॉ. प्रभजोत कौर, प्रो. जसदीप कौर, प्रो. अशोक कुमार, तकदीर सिंह बैंस, हरबंस सिंह सरहाला, सुखदेव नडालों, जगदीप सिंह, रुपिनजोत सिंह, परमजीत सिंह, इंद्रजीत सिंह, अबनाश सिंह, सोहन सिंह दादूवाल, रणबीर सिंह, सुरिंदर कौर, परमजीत कौर आदि के साथ-साथ विद्यार्थी भी उपस्थित थे।