विभिन्न संगठनों द्वारा किसान नेताओं की मांगें मानने की बजाय उनकी गिरफ्तारी और उनके घरों पर छापेमारी की कड़ी निंदा

गढ़शंकर, 4 मार्च- डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब, डेमोक्रेटिक पेंशनर फ्रंट, ग्रामीण मजदूर यूनियन समेत विभिन्न संगठनों ने पंजाब की आप सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की गिरफ्तारी और पंजाब स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक बड़े पैमाने पर नेताओं के घरों पर छापेमारी की कड़ी निंदा की है और भगवंत मान सरकार के इस रवैये को विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन और तानाशाही रवैया करार दिया है।

गढ़शंकर, 4 मार्च- डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब, डेमोक्रेटिक पेंशनर फ्रंट, ग्रामीण मजदूर यूनियन समेत विभिन्न संगठनों ने पंजाब की आप सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की गिरफ्तारी और पंजाब स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक बड़े पैमाने पर नेताओं के घरों पर छापेमारी की कड़ी निंदा की है और भगवंत मान सरकार के इस रवैये को विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन और तानाशाही रवैया करार दिया है। 
विभिन्न संगठनों डीटीएफ के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, सुखदेव डानसीवाल, डेमोक्रेटिक पेंशनर फ्रंट के नेता हंसराज गर शंकर, बलबीर खानपुरी, ग्रामीण कर्मचारी यूनियन के नेता बगीचा सिंह सहूंगरा व परमजीत सिंह ने कहा कि सत्ता में आने से पहले व विरोध प्रदर्शनों से उभरी पार्टी आम आदमी पार्टी के नेता पिछले किसान संघर्ष में पंजाब व देश में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करते थे और किसानों की मांगों को जायज व उचित मांग बताते थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद आप पार्टी के पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के साथ बैठक कर किसानों को धमकाया है और किसानों की मांगों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। 
नेताओं ने संघर्ष के खिलाफ गलत टिप्पणियां की हैं और उन्हें चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत न देकर चुप करा दिया है और केंद्र सरकार के बराबर का रवैया अपनाया है और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे दमन चक्र ने भगवंत मान सरकार के किसान विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की कि गिरफ्तार किसान नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली किसानों की महत्वपूर्ण मांगों पर विचार किया जाए। 
नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने दमन चक्र बंद नहीं किया और गिरफ्तार नेताओं को जल्द रिहा नहीं किया तो सरकार को पंजाब की जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।