जीएसटी, सीमा शुल्क मामलों में एफआईआर न होने पर व्यक्ति अग्रिम जमानत का हकदार

नई दिल्ली, 27 फरवरी - उच्चतम न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अग्रिम सुरक्षा का प्रावधान वस्तु एवं सेवा अधिनियम तथा सीमा शुल्क अधिनियम पर भी लागू होता है। अदालत ने कहा कि एफआईआर के अभाव में व्यक्ति गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।

नई दिल्ली, 27 फरवरी - उच्चतम न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अग्रिम सुरक्षा का प्रावधान वस्तु एवं सेवा अधिनियम तथा सीमा शुल्क अधिनियम पर भी लागू होता है। अदालत ने कहा कि एफआईआर के अभाव में व्यक्ति गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश तथा न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने पिछले साल 16 मई को सीमा शुल्क अधिनियम, जीएसटी अधिनियम, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में दंड प्रावधानों और संविधान के साथ उनकी असंगति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मुख्य न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अग्रिम जमानत जैसे मुद्दों पर सीआरपीसी और उसके बाद के कानूनों, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा संहिता (आईएनएससी), सीमा शुल्क और जीएसटी अधिनियम के प्रावधान उन व्यक्तियों पर लागू होंगे जो इनके अधीन हैं।
न्यायालय ने कहा कि जीएसटी और सीमा शुल्क अधिनियमों के तहत संभावित गिरफ्तारी का सामना कर रहे व्यक्ति एफआईआर दर्ज होने से पहले भी अग्रिम जमानत लेने के हकदार हैं। विस्तृत निर्णय अभी भी प्रतीक्षित है। मुख्य याचिका 2018 में राधिका अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी।