
मास मीडिया विंग ने ड्रग डिटॉक्स एवं पुनर्वास केंद्र में स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया
18 फरवरी नवांशहर- रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र नवांशहर में सेमिनार के दौरान डिप्टी ग्रुप शिक्षा एवं सूचना अधिकारी तरसेम लाल ने केंद्र में दाखिल मरीजों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेबीज, मलेरिया और नशीली दवाओं के बारे में जागरूक किया। सेमिनार की अध्यक्षता केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चमन सिंह ने की। इस अवसर पर तरसेम लाल ने उन्हें नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया और कुत्ते के काटने, सांप के काटने और मलेरिया से बचाव के बारे में बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कुत्ते के काटने से व्यक्ति को रेबीज नामक बीमारी हो सकती है। इससे बचाव के लिए व्यक्ति सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज करवा सकता है, जिससे रेबीज से बचाव हो सकता है।
18 फरवरी नवांशहर- रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र नवांशहर में सेमिनार के दौरान डिप्टी ग्रुप शिक्षा एवं सूचना अधिकारी तरसेम लाल ने केंद्र में दाखिल मरीजों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेबीज, मलेरिया और नशीली दवाओं के बारे में जागरूक किया। सेमिनार की अध्यक्षता केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चमन सिंह ने की।
इस अवसर पर तरसेम लाल ने उन्हें नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया और कुत्ते के काटने, सांप के काटने और मलेरिया से बचाव के बारे में बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कुत्ते के काटने से व्यक्ति को रेबीज नामक बीमारी हो सकती है। इससे बचाव के लिए व्यक्ति सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज करवा सकता है, जिससे रेबीज से बचाव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है, जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है। मलेरिया परजीवी का वाहक मादा एनोफिलीज मच्छर है। उन्होंने कहा कि "जहां पानी रुका होगा, वहां मलेरिया और डेंगू फैलाने वाले मच्छर पनपेंगे।" उन्होंने कहा कि मच्छर के काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे एनीमिया (चक्कर आना, सांस फूलना, घबराहट होना आदि) के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा कंपकंपी के साथ बुखार, जुकाम जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीट नाशक आदि मच्छरों के काटने से बचाते हैं, इसलिए कीटनाशकों का छिड़काव और रुके हुए पानी (जिस पर मच्छर अंडे देते हैं) को निकालने से मच्छरों पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में भी जानकारी दी और नशीली दवाओं से होने वाली बीमारियों के बारे में भी विस्तार से बताया। इस अवसर पर केंद्र के परियोजना निदेशक चमन सिंह ने भी मरीजों को नशीली दवाओं से दूर रहने के लिए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि कुत्ते या सांप के काटने पर सबसे पहले सरकारी अस्पताल से चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। सरकार पूरा इलाज मुफ्त करती है।
उन्होंने कहा कि नशा करने वाले व्यक्ति मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार हो जाते हैं। इसलिए हमें नशे से हमेशा दूर रहना चाहिए। इस अवसर पर जसविंदर कौर, कमलजीत कौर, दिनेश कुमार, मनजीत सिंह, परवीन कुमारी, कमला रानी, मनजोत, परवेश कुमार, कमला रानी, मरीज व उनके परिजन मौजूद थे।
